Sep 22, 2012

Anaj Mandi Dangal Ballabh Garh

By Deepak Ansuia Prasad

अनाज मंडी दंगल - बल्लभ गढ़ ,
बल्लभ गढ़ का अनाज मंडी दंगल देखने पहुंचा . अनाज मंडी के बिलकुल साथ में अखाडा बनाया गया था, जो की मैं आगरा मथुरा रोड पर स्थित है . मंडी के बगल की पार्किंग में कार पार्क की तो माइक पर पांच सौ रुपये से ऊपर की कुश्ती की आवाज आ रही थी . मैंने दंगल कमेटी को अपना परिचय दिया और उन्होंने मेरा स्वागत कर माइक पर घोषणा की , कुश्ती दंगलों में मीडिया का अभाव रहता हैं, मै कहता हूँ की मीडिया और समाचार से जुड़े लोगों को अवस्य इन दंगलों को भी कवर करना चाहिए , एक तो दंगल के आयोजक आपका सम्मान जरूर करेंगे, और दुसरे कुश्ती लड़ते सैकड़ों पहलवानों में प्रतिभाशाली पहलवानों को पहचानने में दिक्कत न होगी ऐसा मेरा मानना है . आजकल दंगलों में जुटी भीड़ आयोजकों के लिए प्रायोजकों का भी इंतजाम कर सकती हैं इससे पहलवानों के इनाम की राशी में जरूर वृद्धि होगी ऐसा मुझे यकीन हैं . दंगल में सैकड़ों पहलवान दिखे , नए, पुराने . अखाडा बड़ा था तो कभी कभी ७ जोड़ कुश्तियां करवाई गई . दंगल में शिरकत करने क्षेत्र के सांसद अवतार सिंह भडाना भी पहुंचे , उनका सम्मान किया गया और उन्हें विशिस्ट अतिथि के मंच पर आसीन किया गया , लेकिन कुश्ती प्रेमी भडाना जी दर्शकों के बीच जमीन पर जा बैठे . क्षेत्र की महिला विधायक शारदा राठोड भी दंगल में पहुंची उनका भी स्वागत किया गया . दंगल में पहली कुश्ती ३१००० के लिए निशांत और हरयाणा के ही एक अछे पहलवान के बीच हुई, बरसात होने के बावजूद निशांत और उनके प्रतिद्वंदी पहलवान अखाड़े में डटे रहे , निशांत पहलवान ने प्रतिद्वंदी को खूब खींचा , हाथ पारी चलये, जांघिया पकड़ कर बिठाया पर चित न कर सके, ..रेफरी ने कुश्ती को बराबर घोषित किया, इस प्रकार दूसरी कुश्ती विक्रम व् समंदर अखाड़े के पहलवान के बीच लड़ी गई, ...समंदर का पट्ठा एक बार नीचे बैठा तो उठने का नाम ही न लिया, विक्रम ने खूब कोशिस की पर नाकामयाब रही ये कुश्ती भी बराबर रही , युधिस्ठिर पहलवान की कुश्ती छत्रसाल के एक पहलवान से हुई वो भी बराबर , इस प्रकार दानिस, काला नाग, रविंदर सोहना , सतीश गुरु जसराम इत्यादि पहलवानों की कुश्तियां भी बराबर रहीं .छत्रसाल के आशु , गुरु जसराम के सद्दाम पहलवान, व् पटौदी के भूरा पहलवान ने एक अच्छी कुश्तियां मारी . गुरु राज कुमार गोस्वामी के अखाड़े से पहुंचे सिंटू पहलवान की कुश्ती न हो सकी , इसी प्रकार कई दूर दराज से आये पहलवान कुश्ती से वंचित रह गए . अब दंगलों में भीड़ है पहलवानों की भी और दर्शकों की भी, ..इसलिए मेरी तो ये सलाह है की आयोजकों को बड़ा अखाडा बना कर ज्यादा से ज्यादा पहलवानों को लड़ाने का इन्तेजाम करना चाहिए जिससे दूर दराज से आये पहलवान लड़ कर ही घर जाएँ


ENGLISH VERSION


When I reached the site of the Ballabh Garh Anaj Mandi Dangal, the wrestling had already started. Parking my vehicle I could heard the announcer shouting for 500 rupees matches, that indicated that the kids’ matches had already finished.
I greeted the organizers and they welcomed me as I set to work. I saw a local newspaper person there to cover the dangal. It is a good omen. The media are slowly starting to pay attention to Indian wrestling. Without reporters covering dangals, the competition is recorded only in the memories of the spectators.
Nowadays many more people are coming to watch the dangals. That means more news coverage and starts a virtuous cycle by drawing more sponsors for dangal committees and better cash prizes for wrestlers. I wish more newspapers would give wrestling the attention it deserves. I am ready to help in any way I could.
The wrestling arena was huge, with space for 5-6 matches at a time. It was great to see so many wrestlers competing.
The honorable member of parliament of the area Sh Avatar Singh Bhadana ji also came to watch. He likes wrestling very much and his relative Ch Sheeshpal Pahlwan was a very famous wrestler who was also a member of the legislative assembly from the Congress Party, and my wrestling guru.
Ch. Sheeshpal is a very popular leader. One of his sons, Harsh Bidhuri, is a well-educated man who was president of Delhi University and his brother is an IPS officer in the police force.
Avtar Singh ji was honoured by the dangal committee and was offered a chief guest seat, but he chose to sit among the spectators on the ground instead. It was great to see such a big personality sitting on the ground with the ordinary public to watch the competition.
Kushti is made popular by such great men and I thank them within the deepest of my heart.
The member of state Haryana assembly Mrs. Sharda rather also joined in. She was welcomed by all the people.
Wrestlers from guru hanuman, guru jasram, rajkumar goswami, samandar, pataudi, leelu, chatrsaal, and many other akharas were there to compete.
The dangal committee tried to arrange matches for as many wrestlers as possible. The first prize match was between Nishant of guru jasram akhada and one wrestler from Haryana. Nishant is a very good wrestler. He took his opponent down many times, but failed to secure a win.
The second prize match was between a wrestler of samandar akhda and vikram pahlwan of guru Jasram. The match ended in a draw.
The other wrestlers, like yudhisthir of Haryana, Danish, kala nag, satish of guru jasram, ravinder of sohna, and change of guru charni akhada fought well but all their matches ended in draws.
Wrestlers vinod of badri akhada, aashu of chatrsaal and bhoora of patuaudi, all pinned their opponents.





















































































































































































1 comment:

  1. What a Site AND i really enjoy to read this kushti article Thanks a Lot

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