Sep 28, 2013

Sewa Nagar Dangal Organized by the Swtantra Vyamshaala

By Deepak Ansuia Prasad











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सेवा नगर दंगल - स्वतंत्र व्यायामशाला
सेवा नगर में स्वतंत्र व्यायामशाला एक बहु - प्रतिष्ठित और प्राचीन रजिस्टर्ड व्यायामशाला है. खेल कूद को प्रोत्साहन देने वाली यह संस्था प्रतिवर्ष एक बेहतरीन दंगल सेवा नगर में कराती है , जिससे पहलवानों को कुश्ती लड़ने इनाम पाने और नए बच्चों में खेल कूद के लिए प्रेरणा उत्पन्न होती हैं.

कुश्ती के यह दंगल १५ अगस्त स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है , गौरतलब है की असहयोग और अहिंसा के सिद्धांत पर हमारा स्वतंत्र्ता के लिए संघर्ष हुआ था , जिसमे हमें इसी दिन आजादी मिली थी. इस दिन में देश भर में भारत का झंडा लहराया जाता है, राष्ट्रीय गान होता है , लोग पतंगे उड़ाते है, देशभक्ति के गाने गाते और फिल्मे देखते हैं, और स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों को याद करते हैं , और कई रंगारं प्रोग्राम होते है, प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हैं. दंगल का यह प्रोग्राम इसी दिशा में एक कदम है.
इस दंगल की महत्ता और प्राचीनता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है की पहली बार यह दंगल 1962 में गुरु कप्तान रामसिंह के तत्वाधान में कराया गया और 1979 तक वे इस प्रोग्राम को कराते ,रहे उसके बाद 1980 में श्री प्रेम सिंह वर्मा जी ने यह भार संभाला और तब से लगातार वह इस दंगल का आयोजन कराते आ रहे है.
अनेकों अखाड़ों से बच्चों ने दंगल में भाग लिया , जिसमे दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, हरयाणा इत्यादि प्रदेशों से भी पहलवान दंगल में भाग लेने पहुंचे, रेलवे के अशोक कोच ने दंगल में रेफरी का काम किया। सुशील उर्फ़ बल्लू पहलवान और भूरा के बीच पहली कुश्ती ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। दोनों पहलवानों ने बहुत दम लगाया लेकिन बराबरी पर छूटे। उत्तर परदेश गोरखपुर के पहलवानों की कुश्ती पर दर्शक बहुत खुश हुए. एक बाल पहलवान के पास लंगोटी नहीं थी तो मगर वो खेलना चाहता था , मैंने अपनी पहनी लंगोटी उतार कर दी, और उसने बढ़िया कुश्ती लड़ी. " ये पुराने पहलवानों की लंगोटी का जादू है " मैंने हंसकर कुछ जिज्ञासु दर्शकों को बताया। दंगल की दूसरी कुश्ती गोरखपुर और चरनी अखाड़े के पहलवान के बीच हुई, बच्चों के बहुत से मैच हुए जिसे आप मेरे चैनल यूट्यूब पर ansuuia1974 के नाम से ढूंढ कर देख सकते हैं.

दंगल में सभी गुरु खलीफाओं और मेरा भी पगड़ी और नकद सम्मान किया गया , और दंगल के अंत में सभी को चाय पानी के लिए आमंत्रित किया गया.

वर्मा जी के इस सराहनीय कार्य के लिए मै उनकी तहे दिल से प्रशंशा करता हूँ, मुझे आशा है की वे भविष्य में इस दंगल को सुचारू रूप से कराते रहेंगे। पहलवानी का भविष्य उज्जवल दीखता है , और यदि सेवा नगर और आस पास के बच्चे पहलवानी से जुड़ते हैं तो उनके निरोग, हृस्ट पुष्ट जीवन का मजबूत आधार तैयार होगा


ENGLISH VERSION

The Swtantra Vyamshaala, or “Freedom wrestling club and gym” in English, is a very old institution in the heart of Delhi at Sewa Nagar. Every year the club organizes a great dangal on 15th August to celebrate the India’s independence from British rule.
The competition was launched in 1962 under the guidance and care of the guru of the wrestling club, Khalifa Capt. Ramsingh. He continued to oversee and guide the event until 1979. The following year, the general secretary of Swatantra Vyayamshaala, Mr. Prem Singh Verma, took over the responsibility for organizing the event under the guidance of Capt. Ramsingh.

Wrestlers from various akhada or wrestling clubs came to compete along with their coaches and gurus. The referee of the event was Coach Ashok Pahlwan of Railway.

The first prize match was between Susheel “Ballu Pahlwan” and Bhura Pahlwan of Akhada Charan Singh. It was an exciting match, but neither wrestler could secure a pin to the match was declared a draw.

The second prize match was between a wrestler from Gorakhpur and a wrestler from guru charni akhada delhi. It also ended in a draw.

All the gurus, khalifa, coaches and dignitaries who attended were honored with pagadi and cash prizes. Verma ji also valued my services and honored me with a pagadi and cash reward. I give thanks to Mr Prem Singh Verma ji for the grand event and promotion of peace, sports and entertainment culture.




























































Sep 22, 2013

SDS Nagar-Trasport Chauraha Mathura Dangal

By Deepak Ansuia Prasad

सोमवार , 16 सितम्बर 2013.









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स्वर्गीय श्री देवी चरण पहलवान की 12वीं पुण्यतिथि पे वीरेंदर सिंह भडाना उर्फ़ बीरों भैया , अशोक पहलवान मथुरा द्वारा दंगल का आयोजन किया गया . जगह थी SDS , Nagar , Transport Mandi Chauraha, मथुरा। दंगल में निशांत और तोमर की, वरुण और अमित तथा विक्रम और धीरज की बड़ी कुश्तियां हुई. वरुण कुश्ती में विजयी रहे बाकी अन्य कुश्तियों में पहलवानों ने बड़ा दमखम लगाया लेकिन समय ख़त्म होने पर बराबरी पर छूटे। दंगल कमेटी ने रुपया बहुत खर्च किया मगर खामियों से भरे दंगल में पहलवानों की भीड़ कुश्ती करवाने के लिए हाथ पैर मारती रही , उन्होंने अखाडा घेर लिया, दर्शकों को कुश्तियां देखने असुविधा हुई,तो वे बैरिकेड तोड़ कर अखाड़े पर आ बैठे। कमेटी मेंबर्स को उन्हें कण्ट्रोल करने में लोहे के चने चबाने पड़े! अखाड़े की पत्थरों और धुल से भरी मिटटी को अंत तक खोदना तो दूर उसमे पानी तक नहीं छिड़का गया , इससे अक्सर पहलवान कमर या घुटने में चोट या दर्द की शिकायत करते हैं , कई जोड़ पहलवान और इधर उधर देखते रेफरी कई बार निर्णय न दे सके, उधर छोटे जोड़ पहलवानों ने खुल्ले हाथ भी चलाये। जब वरुण , विक्रम , निशांत और राजू तोमर जैसे बड़े पहलवान अखाड़े पर आये तभी कुछ शांति हुई. नये पहलवानों को उनसे सबक लेना चाहिए की वो कैसे दर्शको में सामान बाँध देते हैं, पहलवानों को समझना चैहिये दंगल है दंगा नहीं, और कमिटी को भी चाहिए को ऐसे पहलवानों को रोकें या बहार करे. दंगल कमेटी ने गुरु खलीफाओं जिसमे गुरु जसराम , चन्दन सिंह, हाकिम सिंह , कुंजन गुरु, नारी खलीफा , लाला व् अय्यूब खलीफा का राधा किशन की फोटो व् पट्टा पहना कर स्वागत किया। दंगल में वरुण पहलवान ने अपनी तरफ से मुझे पटा और नकद दे कर सम्मान किया वहीँ विक्रम पहलवान ने आने जाने की व्यवस्था , तथा साबिर , ललित नीरज ने खाने पीने की व्यवस्था की. इन सभी बड़े पहलवानों को बहुत -२ धन्यवाद जिनका प्रेम और आदर सम्मान मुझे कुश्ती पत्रकारिता के लिए लगातार कर्मठ रहने की क्षमता प्रदान करता है. -view my full report regarding the comeptition at - http://kushtiwrestling.blogspot.in/

ENGLISH VERSION

A great dangal was organized earlier this month by Sh. Virender Singh Bhadana, also known as Beeron Bhaiya, and Sh. Ashok Pahlwan, president Braj Bhoomi wrestling association Mathura.
The dangal commemorated the 12th anniversary of the death of wrestler Shri Devi Charan Pahwlan. The venue was SDS, Nagar, Transport Mandi Chauraha Mathura.
The main events pitted Nishant Thakur against kushti legend Rajiv Tomar, Varun Gurjar against Amit Nain and Vikram from Guru Jasram akhara against Dheeraj Pahalwan. Varun secured a pin to win his bout, but the other matches ended in draws.
There was very little discipline during the competition. Spectators moved too close to the wrestling area which made it difficult for others to see the action. And the wrestling ground wasn’t prepared properly. The ground was hard and dry, resulting in large amounts of dust as the athletes wrestled
There was also a lack of discipline among some of the younger wrestlers, who threw a few punches here and there, as some of the referees failed to maintain order.
They should follow the example of senior wrestlers like varun, nishant and rajiv tomar, who followed rules, respected their opponents and showed impressive skill.
Guru Jasram, Chandan Singh, Hakim Singh,Kunjan, Nari, Lala, and ayyuub were honored with pagri and given a photograph of Lord Krishna and radha as a memento. The dangal committee didn’t notice me, but Varun, Vikram and other wrestlers felicitated me and I greatly appreciate their support.