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Feb 17, 2016
Feb 7, 2016
Kushti Wrestling: Netaji Subhash Chandra Bose Memorial Dangal by Guru Jasmal Akhada
By Deepak Ansuia Prasad
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23 जनवरी 2016 - देश प्रेम दिवस
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की याद में। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस दंगल
सौजन्य से गुरु जसमाल अखाडा व नाथुपुर गाँव की युथ ब्रिगेड ।
आज नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती हैं। कौन नहीं जानता उनकी शख्शियत। हिन्दुस्तान को आज़ादी दिलाने में उनकी मुख्य भूमिका थी। उनका लोकप्रिय नारा " तुम मुझे खून दो। मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा। " कह कर गरम जोशी से भरे नेता जी ने अंग्रेजी हुक्मरानो को देश से बहार खदेड़ने के लिए आज़ाद हिन्द फ़ौज की स्थापना की थी। उनकी पुकार पर दुनिया भर से हिन्दुस्तानियों ने आज़ाद हिन्द फ़ौज को ज्वाइन किया और आज़ादी के लड़ाई में शरीक हुए। आज़ादी के दीवानो की उनकी फ़ौज दुनिया जीत चुके ब्रिटिश राज से लड़ने को आतुर हो उठी थी। उनके इस कार्य से अँगरेज़ इतने भयभीत हुए की वे हिन्दुस्तान छोड़ने को तैयार हो गए।
ऐसा विचार ,ऐसी सोच , ऐसी प्रतिज्ञा , ऐसा देश प्रेम बेमिसाल हैं। आज गाँव नाथुपुर , गुडगाँव में देश प्रेम के प्रतीक और बेमिसाल शख्शियत नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को याद किया गया। याद ही नहीं अपितु उनकी याद में मेला लगा दिया ।
गाँव नाथुपुर में नेताजी की याद में शानदार कुश्ती दंगल का मेला लगा । गाँव के लोगों ने नेताजी को श्रद्धांजलि दी। साथ ही गाँव के नामी पहलवान व गुरु जसमाल को भी याद किया।
साथ ही गाँव की युथ विंग ने एक शानदार दंगल का आयोजन किया। यह दंगल नाथुपुर गाँव के श्री साईं मंदिर के ठीक सामने मैदान में आयोजित किया गया। इस दंगल को कराने का उद्द्येश गाँव के बच्चों में खेलों और देश प्रेम के प्रति जागरूकता पैदा करना व एकता का सन्देश देना था।
दंगल के आयोजक थे भाई कर्मवीर , भाई रविंदर , भाई रीनुपाल , अमित उर्फ़ भुरु , दीपक उर्फ़ जॉनी व भीम पहलवान और उनकी युथ ब्रिगेड की टीम। उनका साथ दिया सीरी पहलवान , हरपाल पहलवान व राजिंदर पहलवान ने।
यूँ तो जनवरी में दिन छोटे और ठण्ड भरे होते हैं लेकिन आज का दिन बेहतरीन था। सूरज चमक रहा था। दर्शकों और अतिथियों को कुश्ती देखने का तो मजा मिला ही , धुप सेंक कर ठण्ड से भी राहत मिली।
और मेरे लिए भी दंगल को रिकॉर्ड करने का यह एक बेहतर दिन साबित हुआ।
इस प्रकार दंगल में रेफ़री रहे जिले पहलवान , जिले पहलवान गाँव नाथुपुर में ही अखाडा चलाते हैं। दंगल में दूसरे रेफ़री रहे अशोक पहलवान , अशोक पहलवान अपने समय में चैंपियन रेसलर रहे। वे अभी रेलवे से रिटायर हुए हैं। उन्हें लोग बाग़ अशोक पहलवान रेलवे भी कहते हैं। उनके निर्णय बड़े सटीक होते हैं।
दंगल में माइक थामा हरपाल पहलवान ने। उन्होंने सभी घोषणाएं की , जिसमे पहलवानो की कुश्ती बोलना , निर्णय बताना , अतिथियों का परिचय कराना ,व दंगल की कार्यवाही को आगे बढ़ाना उन्होंने बखूबी किया।
यह मुख्यतया बच्चों का कम्पटीशन था। इसलिए इसमें बच्चों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। बच्चों की अनेकों अनेक कुश्तियां कराई गई। लगभग सभी कुश्तियां हार जीत के फैसले पर ही खत्म हुई। इससे दर्शकों को बहुत मजा आया।
दंगल की पहली कुश्ती आकाश पहलवान गुरु हनुमान अखाडा जो की नाथुपुर गाँव के ही सीरी पहलवान के सुपुत्र हैं और रविंदर पंडित पहलवान गुरु श्यामलाल , वजीराबाद निवासी हैं के बीच हुई। आकाश एक बेहतरीन पहलवान हैं वहीँ रविंदर खूब रिस्क उठा कर खेलने वाले। दोनों के बीच हुई कुश्ती को दर्शकों ने बहुत सराहा। समय खत्म होने पर कुश्ती बराबरी पर छूटी। लेकिन दर्शक फैसला चाहते थे इसलिए कुछ समय और दिया गया इस पर भी दोनों पहलवान बराबर ही रहे।
इस प्रकार अन्य कुश्तियों में फतेहपुर के गिरीश और घाटा गुरु श्यामलाल अखाडा के अभिषेक , सोनू और संदीप त्यागी , सचिन और पंकज बोकन , तथा गाँव तिगरा , उल्लावास , बादशाहपुर , नाथुपुर , फतेहपुर , घिटोरनी , आया नगर , सोहना आदि गाँवों से आये पहलवानो ने बढ़िया कुश्ती लड़ी और दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।
दंगल में मनीष और विक्की पहलवान का स्वागत किया वे चोटिल होने के कारण कुश्ती नहीं लड़ सके। वहीँ जीतू पहलवान की बराबरी का पहलवान दंगल में नहीं पहुंचा तो जीतू पहलवान का मान सम्मान कर उन्हें नकद राशि देकर उनका उत्साह वर्धन किया गया।
दंगल में आये गुरु खलीफाओं व मुख्य अतिथियों में रहे , ऋषि पहलवान आया नगर , श्रीपाल पहलवान नाथुपुर , खलीफा बिसंभर आया नगर , रामवतार पहलवान बादशाहपुर , मीर पहलवान घाटा अमीरपुर , प्रकाश कुल्हीपुरिया गुरु हनुमान अखाडा , राजिंदर पहलवान घिटोरनी , जिले पहलवान नाथुपुर , राजबीर पहलवान उल्लावास , टोनी कोच , हंसराज व संजय पहलवान सोहना , सभी सज्जनो का पगड़ी पहना कर स्वागत किया गया।
ENGLISH VERSION
A bright winter sun warmed the wrestling grounds as athletes from around the region came to wrestle to honor the memory of Subhash Chandra Bose, the greatest Freedom Fighter of India.
The event was organized by the youth wing of Village Nathupur to instill a love of wrestling and India itself among young people. Throngs of them came out to compete, proving that the future of Indian wrestling is as bright as the sun that shone down on the wrestlers.
Akash Pahlwan of Nathupur and Ravinder Pandat ji of Guru Shyam Lal Akhada, Aya Nagar, wrestled for first prize. Neither wrestler could secure a fall, so the match was declared a draw.
The second prize match pitted Girish of Fatehpur, Guru Lekhraj against Abhishek of Guru Shyamlal. The match also ended in a draw.
In other notable matches, Sonu wrestled Sandeep Tyagi, and Sachin took on Pankaj Boken. Wrestlers from Ullawas, Tigra, Badshahpur, Sohna Guru Inder, Badhwadi, wrestled many matches. Happy Gujjar from Nathupur and Sachin did well. Happy defeated three different opponents.
The dangal committe also honored Vicky and Manish who were recovering from injuries and couldn’t compete. No one dared to challenge Jeetu Pahalwan so he was honored with a consolation prize.
The main organizers were Bhai Karmveer, Bhai Ravinder, Bhai Reenupal, Amit aka Bhuru, Deepak aka Joni, Bheem Pahlwan, Sril Pahlwan village Nathupur, his brother Haripal Pahlwan Rajinder Pahlwan and the people of Nathupur.
The referees were Jile Pahlwan, the guru at the local wrestling school in Nathupur, and Ashok Pahlwan. Ashok Pahlwan was a champion wrestler and worked for Indian Railways. He is fondly called Ashok Pahlwan Railway among wrestling fans.
Harpal Pahlwan, a guru at another wrestling school in Nathpur, was the announcer.
Rishi Pahlwan from Aaya Nagar, Shreepal Pahlwan , khalifa Bishambhar, Ramavtar Pahlwan from Badshapur, Meer Pahlwan from Ghata, Prakash Kulhipuria from Guru Hanuman Akhada, Sri pahlwan village nathupur, Rajinder Pahlwan from Ghitorni, Kamal Pahlwan from fatehpur , Jile Pahlwan,Rajbeer from Ullawas, Tony coach from Nathupur akhda,Hansraj Pahlwan from sohna, and his brother, were the main guest at the event. All were honored with cash and headgear.
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23 जनवरी 2016 - देश प्रेम दिवस
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की याद में। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस दंगल
सौजन्य से गुरु जसमाल अखाडा व नाथुपुर गाँव की युथ ब्रिगेड ।
आज नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती हैं। कौन नहीं जानता उनकी शख्शियत। हिन्दुस्तान को आज़ादी दिलाने में उनकी मुख्य भूमिका थी। उनका लोकप्रिय नारा " तुम मुझे खून दो। मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा। " कह कर गरम जोशी से भरे नेता जी ने अंग्रेजी हुक्मरानो को देश से बहार खदेड़ने के लिए आज़ाद हिन्द फ़ौज की स्थापना की थी। उनकी पुकार पर दुनिया भर से हिन्दुस्तानियों ने आज़ाद हिन्द फ़ौज को ज्वाइन किया और आज़ादी के लड़ाई में शरीक हुए। आज़ादी के दीवानो की उनकी फ़ौज दुनिया जीत चुके ब्रिटिश राज से लड़ने को आतुर हो उठी थी। उनके इस कार्य से अँगरेज़ इतने भयभीत हुए की वे हिन्दुस्तान छोड़ने को तैयार हो गए।
ऐसा विचार ,ऐसी सोच , ऐसी प्रतिज्ञा , ऐसा देश प्रेम बेमिसाल हैं। आज गाँव नाथुपुर , गुडगाँव में देश प्रेम के प्रतीक और बेमिसाल शख्शियत नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को याद किया गया। याद ही नहीं अपितु उनकी याद में मेला लगा दिया ।
गाँव नाथुपुर में नेताजी की याद में शानदार कुश्ती दंगल का मेला लगा । गाँव के लोगों ने नेताजी को श्रद्धांजलि दी। साथ ही गाँव के नामी पहलवान व गुरु जसमाल को भी याद किया।
साथ ही गाँव की युथ विंग ने एक शानदार दंगल का आयोजन किया। यह दंगल नाथुपुर गाँव के श्री साईं मंदिर के ठीक सामने मैदान में आयोजित किया गया। इस दंगल को कराने का उद्द्येश गाँव के बच्चों में खेलों और देश प्रेम के प्रति जागरूकता पैदा करना व एकता का सन्देश देना था।
दंगल के आयोजक थे भाई कर्मवीर , भाई रविंदर , भाई रीनुपाल , अमित उर्फ़ भुरु , दीपक उर्फ़ जॉनी व भीम पहलवान और उनकी युथ ब्रिगेड की टीम। उनका साथ दिया सीरी पहलवान , हरपाल पहलवान व राजिंदर पहलवान ने।
यूँ तो जनवरी में दिन छोटे और ठण्ड भरे होते हैं लेकिन आज का दिन बेहतरीन था। सूरज चमक रहा था। दर्शकों और अतिथियों को कुश्ती देखने का तो मजा मिला ही , धुप सेंक कर ठण्ड से भी राहत मिली।
और मेरे लिए भी दंगल को रिकॉर्ड करने का यह एक बेहतर दिन साबित हुआ।
इस प्रकार दंगल में रेफ़री रहे जिले पहलवान , जिले पहलवान गाँव नाथुपुर में ही अखाडा चलाते हैं। दंगल में दूसरे रेफ़री रहे अशोक पहलवान , अशोक पहलवान अपने समय में चैंपियन रेसलर रहे। वे अभी रेलवे से रिटायर हुए हैं। उन्हें लोग बाग़ अशोक पहलवान रेलवे भी कहते हैं। उनके निर्णय बड़े सटीक होते हैं।
दंगल में माइक थामा हरपाल पहलवान ने। उन्होंने सभी घोषणाएं की , जिसमे पहलवानो की कुश्ती बोलना , निर्णय बताना , अतिथियों का परिचय कराना ,व दंगल की कार्यवाही को आगे बढ़ाना उन्होंने बखूबी किया।
यह मुख्यतया बच्चों का कम्पटीशन था। इसलिए इसमें बच्चों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। बच्चों की अनेकों अनेक कुश्तियां कराई गई। लगभग सभी कुश्तियां हार जीत के फैसले पर ही खत्म हुई। इससे दर्शकों को बहुत मजा आया।
दंगल की पहली कुश्ती आकाश पहलवान गुरु हनुमान अखाडा जो की नाथुपुर गाँव के ही सीरी पहलवान के सुपुत्र हैं और रविंदर पंडित पहलवान गुरु श्यामलाल , वजीराबाद निवासी हैं के बीच हुई। आकाश एक बेहतरीन पहलवान हैं वहीँ रविंदर खूब रिस्क उठा कर खेलने वाले। दोनों के बीच हुई कुश्ती को दर्शकों ने बहुत सराहा। समय खत्म होने पर कुश्ती बराबरी पर छूटी। लेकिन दर्शक फैसला चाहते थे इसलिए कुछ समय और दिया गया इस पर भी दोनों पहलवान बराबर ही रहे।
इस प्रकार अन्य कुश्तियों में फतेहपुर के गिरीश और घाटा गुरु श्यामलाल अखाडा के अभिषेक , सोनू और संदीप त्यागी , सचिन और पंकज बोकन , तथा गाँव तिगरा , उल्लावास , बादशाहपुर , नाथुपुर , फतेहपुर , घिटोरनी , आया नगर , सोहना आदि गाँवों से आये पहलवानो ने बढ़िया कुश्ती लड़ी और दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।
दंगल में मनीष और विक्की पहलवान का स्वागत किया वे चोटिल होने के कारण कुश्ती नहीं लड़ सके। वहीँ जीतू पहलवान की बराबरी का पहलवान दंगल में नहीं पहुंचा तो जीतू पहलवान का मान सम्मान कर उन्हें नकद राशि देकर उनका उत्साह वर्धन किया गया।
दंगल में आये गुरु खलीफाओं व मुख्य अतिथियों में रहे , ऋषि पहलवान आया नगर , श्रीपाल पहलवान नाथुपुर , खलीफा बिसंभर आया नगर , रामवतार पहलवान बादशाहपुर , मीर पहलवान घाटा अमीरपुर , प्रकाश कुल्हीपुरिया गुरु हनुमान अखाडा , राजिंदर पहलवान घिटोरनी , जिले पहलवान नाथुपुर , राजबीर पहलवान उल्लावास , टोनी कोच , हंसराज व संजय पहलवान सोहना , सभी सज्जनो का पगड़ी पहना कर स्वागत किया गया।
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A bright winter sun warmed the wrestling grounds as athletes from around the region came to wrestle to honor the memory of Subhash Chandra Bose, the greatest Freedom Fighter of India.
The event was organized by the youth wing of Village Nathupur to instill a love of wrestling and India itself among young people. Throngs of them came out to compete, proving that the future of Indian wrestling is as bright as the sun that shone down on the wrestlers.
Akash Pahlwan of Nathupur and Ravinder Pandat ji of Guru Shyam Lal Akhada, Aya Nagar, wrestled for first prize. Neither wrestler could secure a fall, so the match was declared a draw.
The second prize match pitted Girish of Fatehpur, Guru Lekhraj against Abhishek of Guru Shyamlal. The match also ended in a draw.
In other notable matches, Sonu wrestled Sandeep Tyagi, and Sachin took on Pankaj Boken. Wrestlers from Ullawas, Tigra, Badshahpur, Sohna Guru Inder, Badhwadi, wrestled many matches. Happy Gujjar from Nathupur and Sachin did well. Happy defeated three different opponents.
The dangal committe also honored Vicky and Manish who were recovering from injuries and couldn’t compete. No one dared to challenge Jeetu Pahalwan so he was honored with a consolation prize.
The main organizers were Bhai Karmveer, Bhai Ravinder, Bhai Reenupal, Amit aka Bhuru, Deepak aka Joni, Bheem Pahlwan, Sril Pahlwan village Nathupur, his brother Haripal Pahlwan Rajinder Pahlwan and the people of Nathupur.
The referees were Jile Pahlwan, the guru at the local wrestling school in Nathupur, and Ashok Pahlwan. Ashok Pahlwan was a champion wrestler and worked for Indian Railways. He is fondly called Ashok Pahlwan Railway among wrestling fans.
Harpal Pahlwan, a guru at another wrestling school in Nathpur, was the announcer.
Rishi Pahlwan from Aaya Nagar, Shreepal Pahlwan , khalifa Bishambhar, Ramavtar Pahlwan from Badshapur, Meer Pahlwan from Ghata, Prakash Kulhipuria from Guru Hanuman Akhada, Sri pahlwan village nathupur, Rajinder Pahlwan from Ghitorni, Kamal Pahlwan from fatehpur , Jile Pahlwan,Rajbeer from Ullawas, Tony coach from Nathupur akhda,Hansraj Pahlwan from sohna, and his brother, were the main guest at the event. All were honored with cash and headgear.