Feb 8, 2014

Monthly Dangal - By Siri Pahlwan of Village Nathupur, at Guru Jasmal Akhada

By Deepak Ansuia Prasad
















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दिल्ली से सटे गुडगाँव के डी. एल. एफ. में नाथुपुर गाँव है। प्राचीन समय से ही गाँव में कुश्ती का शौक रहा है. यहाँ कुश्ती के अच्छे पहलवान भी हुए है. आज नाथुपुर गाँव में दो अखाड़े चल रहे हैं गुरु जस्माल अखाडा और गुरु श्याम लाल अखाडा। सीरी पहलवान , सुनील और जिले पहलवान के साथ मिलकर गुरु जसमाल अखाडा चलाते है। वहीँ हरी पहलवान व् राजिंदर पहलवान मिलकर गुरु श्याम लाल अखाडा चलाते हैं, सभी अपने समय के बेहतरीन पहलवान रहे हैं. एक समय में गुरु श्याम लाल पहलवान क्षेत्र के बेहतरीन पहलवान रहे उन्होंने देश दुनिया में कुश्ती और अपने गाँव घिटोरनी का नाम रोशन किया , घिटोरनी में उनके नाम से प्रतिवर्ष एक दंगल भी होता हैं. सीरी पहलवान गुरु जसराम जी के शिष्य रहे हैं इसी नाते वे मेरे गुरु भाई भी हैं. सीरी पहलवान कुश्ती प्रेमी है , उनके पुत्र आकाश पहलवान आज एक अच्छे पहलवान हैं. जो गुरु हनुमान अखाड़े में कुश्ती का अभ्यास कर रहे हैं.

सीरी पहलवान अपने क्षेत्र में कुश्ती कि परंपरा को बढ़ावा देने व् अच्छे पहलवान तैयार करने के लिए कुछ नया करना चाहते थे , इस विचार को लेकर उनके मन में गाँव नाथुपुर में प्रतिमाह एक दंगल कराने का विचार आया. उनकी इस भावना कि सबने कद्र की , गाँव के कौंसिलर, प्रधान व् बड़े बुजुर्गों, सबने सहयोग व् साथ देने का भरोसा दिलाया। सीरी पहलवान ने एक अच्छे स्तर पर दंगल कराने कि व्यवस्था आरंभ कि जिसमे पहलवानो को कुश्ती जीतने पर नकद इनाम व् हारे पहलवान को भी कुछ सांत्वना स्वरुप नकद पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया । जिससे पहलवान बाहरी क्षेत्रों में होने वाले दंगलों व् अन्य कुश्ती प्रतियोगिताओं का अनुभव प्राप्त कर सकें व् अपनी तयारी का जायजा ले सकें और अपनी कमियों को परख कर उन्हें सुधार सकें।

नाथुपुर गाँव ही नहीं आस पास के क्षेत्र के गाँव के लोगों,सीरी पहलवान के मित्रों और समाज सेवा और राजनीति से जुड़े लोगों ने भी सीरी पहलवान के इस निर्णय का स्वागत किया। और उन्हें हर सम्भव मदद का आश्वाशन दिया। सिरी पहलवान ने प्रतिमाह आने वाले पहले रविवार को दंगल कराने का निर्णय लिया और आस पास के क्षेत्र के अखाड़ों को दंगल में भाग लेने ले लिए आमंत्रित किया। आया नगर अखाडा, नाथुपुर के गुरु श्याम लाल अखाडा, गुरु जस्माल अखाडा, फ़तेह पुर के गुरु लेखराज अखाडा, तिगरा के शीशपाल अखाडा, बादशाहपुर के रामावतार अखाडा, बंधवाड़ी के वीरेंदर अखाडा, किदवई नगर के मंगल अखाडा और रजोकड़ी अखाड़े से आये पहलवानो ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया। सीरी पहलवान की देख रेख में बच्चों ने हाथ मिलाये,जिले पहलवान, वीरेंदर व् रेलवे के अशोक कोच ने रेफरी का कार्य किया , राजिंदर पहलवान व् हरी पहलवान ने जजमेंट दी.

दंगल में बाल पहलवानो ने कई कई कुश्तियां लड़ी , अक्सर दंगलों में उन्हें अपनी कला व् हुनर दिखने का मौका नहीं मिलाता , लेकिन यहाँ उनके लिए पर्याप्त व्यवस्था व् समय था , इसी उम्र से बाल पहलवान कुश्ती से जुड़ते हैं, दंगल का ये अनुभव उनके लिए वाकई मार्गदर्शन का काम करेगा। विक्की, मोगली, हैप्पी, मोनू, सोनू, आनंद, मोहित, मनीष,अजय , अमित अनू ने अच्छी कुश्तियां लड़ी. दंगल कि आखिरी कुश्ती आकाश पहलवान ने लड़ी , उन्होंने मंगल अखाड़े के पहलवान को चित्त कर - 11000 /- का इनाम अपने नाम किया। दंगल में अमरीका से आये एक पहलवान shane ने भी भाग लिया। उन्होंने दो कुश्तियाँ लड़ीं जिसमे एक में उन्हें हार का सामना करना पड़ा व् दूसरी कुश्ती में वे बराबर रहे. दंगल में भाग लेने का यह अनुभव उन्हें बहुत शानदार लगा, उन्हें दंगल पसंद आया , वे चाहते है कि अमरीका में भी ऐसे दंगल होने चाहिए इससे पहलवानो को अपने दम ख़म का पता लगता हैं व् नकद इनाम भी. और लोगों को कुश्ती देखने का मौका भी. दंगल को उन्होंने बेहतरीन बताया।

गाँव नाथुपुर व् आस पास के क्षेत्र के पहलवानो व् कुश्ती प्रेमियों के लिए ये एक बेहतरीन दिन था , जहाँ दर्शकों को अच्छी कुश्तिया व् भरपूर मनोरंजन मिला वहीँ पहलवानो को अच्छा इनाम व् अपना हुनर दर्शाने का भरपूर मौका भी मिला। इसी अनुभव को लेकर पहलवान और आगे दंगलों में भाग लेकर अपने करतब दिखा सकेंगे। क्षेत्र को सीरी पहलवान के नायाब तोहफे का प्रतिमाह इंतज़ार रहेगा। जिस मेहनत और शिद्दत से सीरी पहलवान ने इस महत्वपूर्ण काम को अंजाम दिया उसके लिए वो वाकई काबिले तारीफ़ हैं. जब तक सीरी पहलवान जैसे कुश्ती प्रेमी इस धरती पे रहेंगे कुश्ती खेल परवान चढ़ता रहेगा। मेरी शुभकामनाएं है कि इसी मिटटी से निकल कर कोई सितारा दुनिया के आसमान को अपनी चकाचोंध से भर दे. सीरी पहलवान का बहुत बहुत शुक्रिया !


ENGLISH VERSION


Nathupur is a village at the outskirts of Delhi with a very good tradition of wrestling. There are two wrestling school called akhadas in the village. One is Guru Jasmal Akhada and the other one is Guru Shyamlal Akhada. Siri Pahlwan along with Jille and Sunil Pahlwan run Guru Jasmal akhada. Siri Pahalwan was also a disciple of Guru Jasram, whose akhada I used to practice wrestling at, so we are like brothers. Siri pahlwan is an ardent kushti lover. His son Akash Yadav Pahlwan is a very good wrestler. Who is now training at the prestigious Guru Hanuman Akhada in Delhi.

Siri pahlwan wanted to do more to promote wrestling so he committed himself to organize a wrestling competition at his village akhada every month. In the competition he wanted to distribute cash prizes to the winning wrestlers and even some consolation cash prize to the lost one also. By this way he can help wrestlers to get good preparation for dangal or wrestling competition elsewhere .

Everyone in the village and his friends circles were very happy with his decision. Initially Siri pahlwan wanted to make it a smaller event comprising competition among the wrestlers of four five wrestling school. So he set the first Sunday of every month as the date of the competition and invited wrestling schools around his village.

Wrestlers from Guru Bishambhar Akhada of Aya Nagar, Guru Shyam Lal Akhada of nathupr, Guru Jasmal Akhada of nathupur, Guru Lekhraj akhada of fatehpur beri , Sheeshpal akhada of Tigra, Ramavtar akhada of Badshahpur, Virender akhada of Bandhwadi, rajokari akhada, and Mangal akhada kidwai nagar came to compete.

The wrestlers chose their opponents and registered their bouts before Siri Pahlwan who cleared the bouts and they fought at the akhada for the entertainment of the watching crowed. Guru Jile, virender, Ashok Pahlwan of Railway did the job of the referee. While Rajinder pahlwan , Hari Pahlwan and siri pahlwan worked as judges.

Young wrestlers of 10-12 ages to senior wrestlers of the akhadas participated. I have been covering these wrestlers since long. Wrestler Vicky, Moughli, Akash Yadav, Anand, Mohit, Manish, Monu, Happy, Ajay, Amit, annu, are such a few names who participated in the wrestling competition and won. Siri Pahalwan gave cash prizes to both winners and losers.

This time I bought an American wrestler named Shane to participate in the competition. He had come to India to learn about traditional wrestling and was very happy to get the opportunity to actually compete in a dangal. One big wrestlers challenged him and he accepted, they both shook hands and Siri Pahlwan gave nod to the wrestle. Shane had been learning kushti techniques all week, but the wrestler was too heavy for him. He was pinned and lost the match.
I asked siri pahlwan to allow him compete again, this time I wanted him to fight with a wrestler equal to his weight. Shane choose a wrestler equal to his weight this time. Both fought well no body could secure a pin in the given time of 6 minutes so the bout was declared a draw.

Akash pahalwan fought with a good wrestler of Guru Mangal Akhada, Kidwai nagar and Akash pinned him easily.

Siri pahlwan deserves all credit and thanks for organizing such a nice competition every month. It gives wrestlers a chance to compete and local kushti fans a chance to come out and enjoy some great wrestling.

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