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नेता जी सुभाष चंद्र बोस मरे नहीं।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मृति दंगल - गाँव नाथुपुर , गुडगाँव।
सौजन्य से - नाथूपुर गाँव दंगल कमिटी।
जिन लोगों ने देश , सेवा और देशवासियों को सर्वोपरि रख कर , अपना सर्वश्व समर्पण कर दिया। हँसते हँसते फांसी के फंदों पर झूल गए , सीने पर गोली खा गए , यातनाएं सह सह कर प्राण विसर्जन कर दिया पर उफ़ न की। वे कभी भी मरे नहीं , न कभी मरेंगे। भले ही इन्होंने इस भौतिक शरीर का त्याग कर दिया हो पर वे हमेशा हमेशा के लिए जी गए। देश उनके त्याग और बलिदान का हमेशा हमेशा के लिए कर्जदार रहेगा। उनकी कुर्बानियों को कभी न भूल कर हरदम उनके रास्ते पर चलेगा और उनका अनुशरण करेगा।
वह खून कहो किस मतलब का,
जिसमें उबाल का नाम नहीं ?
वह खून कहो किस मतलब का,
आ सके देश के काम नहीं ?
आजादी का परवाना , नेताजी सुभाष चंद्र बोस !
आज 23 जनवरी को देश के इस बांके सपूत का जन्मदिन हैं , जिसने छोटी सी ही उम्र से ज्ञान के सागर में गोते लगाए , देश को गुलामी की बेड़ियों से आज़ाद करने के लिए क्रांति का बिगुल बजाया , जर्मनी जाकर हिटलर से मिले और आजाद हिन्द फ़ौज की स्थापना की , कांग्रेस के अध्यक्ष बने और बाद में अंत तक खिलाफत करते रहे।
शहीदों की मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले !
वतन पे मरने वालों का यहीं बाकीं निशान होगा !!
आज दिल्ली से सटे नाथूपुर गाँव में , जिसे डी एल ऍफ़ फेस -3 भी कहते हैं अमर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर मेला लगा। यह कुश्ती दंगल का मेला था। यहाँ आई जनता को अपनी कुश्तियों के जलवे दिखा सराबोर करने के लिये दूर दराज से पहलवान आये। दंगल कमिटी के सदस्य गोरु, जोनी,कालू , रेनुपाल , देवेंद्र , बेदु ने नेताजी की स्मृतियों का आज के पीढ़ी के लोगों के जहन में एक बार फिर ताजा करने के लिए इस दंगल का खूबसूरत आयोजन किया। इस दंगल में रेफ़री ,जयभगवान , मनीष रहे। गुरु हरपाल ने कॉमेंट्रेटर की भूमिका अदा की , वहीँ घिटोरनी ने राजिंदर पहलवान ने सभी पहलवानो के जोड़ मिलाये।
दंगल की मैं कुश्तियां इस प्रकार रही।
जीतू पहलवान और सोनू अखाडा मांडोठी से छोटू पहलवान।
जीतू ने नए साल की शुरुआत अच्छी कर ली हैं। पहली जनवरी को ही जीतू ने तिरपड़ी के एक बढ़िया पहलवान को चित्त कर नए साल में अपनी पहली जीत का अकाउंट खोल दिया। और बीच में भी जीतू ने कई अच्छी कुश्तियां दिखाई , मुझे व्यस्त होने के कारण उन कुश्तियों को देखने का मौका तो नहीं मिला , लेकिन आज नाथूपुर के दंगल में जीतू ने एक बार फिर बढ़िया कुश्ती दिखा कर दर्शकों का मन मोह लिया। जीतू ने छोटू को चित्त कर दंगल देख रहे दर्शकों में जोश भर दिया। दिल्ली देहात के इस क्षेत्र में जीतू ने अपनी कुश्ती और पहलवानी के जो मापदंड खड़े किये हैं वो सर्वोच्च हैं। उन्ही को लांघ कर आगे का रास्ता बनाने के लिए आज नाथूपुर में पहलवानो की अगली पीढ़ी ने शानदार प्रदर्शन किया। और साबित कर दिया की इस क्षेत्र में पहलवानी की परम्परा की जो विरासत हैं वो आने वाले लंबे समय तक बरकरार रहेगी।
ज्ञानिन्द्र पहलवान गुरु हनुमान और लक्ष्मण पहलवान।
ज्ञानिन्दर गुरु हनुमान अखाड़े से एक अच्छा पहलवान हैं। खलीफा नैनसिंह के सुपुत्र ज्ञानिन्दर तेज कुश्ती लड़ते हैं। गठीले लक्ष्मण से उसकी कुश्ती जोरदार हुई। लक्ष्मण पर अटैक लगा कर ज्ञानिन्देर ने अपनी उम्दा कुश्ती का परिचय दिया तो वहीँ खूबसूरती से बच कर ज्ञानिन्दर को नीचे बिठाने में लक्ष्मण ने कसर नहीं छोड़ी। दोनों पहलवानो का खूब जोर लगा। समय समाप्त होने पर दोनों पहलवानो को बराबर घोसित किया गया।
पवन और रविंदर सोहना
पवन और रविंदर दोनों वजनी पहलवान हैं। पवन सुलतान फिल्म में काम कर चुके हैं वहीँ रविंदर एक अनुभवी पहलवान हैं। दोनों की कुश्ती काफी मशक्कत भरी रही। रविंदर ने पवन को चित्त करने में अपना पूरा जोर लगा दिया , लेकिन नाकामयाब रहे।
नाथुपुर गाँव के बच्चों ने भी बढ़िया कुश्तियां लड़ी जिनमे हैप्पी , गुल्लू , रमेश , सुरेश शानदार कुश्तियां लड़े और जीते। वहीँ पटना में हो रहे जूनियर नेशनल से भी बढ़िया खबर आई। सीरी पहलवान के पुत्र , आकाश यादव पहलवान ने जूनियर नेशनल में मैडल जीत कर गाँव का नाम रोशन कर दिया।
ENGLISH VERSION
Today is 23rd January, the birthday of the great son of India, Netaji Subhash Chandra Bose, who helped start the revolution to set India free from British rule. During WWII, he raised an army of captured Indian soldiers fighting for British and named it “Azad Hind Fauj”.
Today there is a festival in village Nathupur to mark the day of his birth, featuring a dangal, which draws wrestlers from far away.
Goru, Joni, Kalu, Renupal, Devender, Bedu and other members of the committee organized the competition. The announcer, Guru Harpal, tells the gathering about the contributions of Neta Ji Subhash Chandra Bose in our struggle for freedom. Senior coach Jaibhagwaan Manish acts as referee. Rajinder Pahalwan, son of legendary wrestler Late Guru Shyamlal pairs wrestlers and prepares them for the bouts.
Featured Matches
Jeetu Pahalwan vs Mandothi wrestler
Jeetu is a star wrestler of the town. Today he took on a wrestler from Mandothi. His opponent was formidable, but Jeetu is a master of the art of wrestling and pinned the Mandothi wrestler with ease, proving once again that he is one of the best wrestlers in the region.Gyaninder Pahalwan vs Lakshman Pahalwan
Gyaninder pahlwan is from Guru Hanuman Akhada. His father, Nain Singh also runs an akhada in Gadhi Mandu, Delhi. Gyaninder has guts and stamina and was on the offensive for most of the match, but Lakshman held him off and avoided being pinned and the match ended in a draw.Pawan vs Ravinder Sohna
Ravinder is a more experienced than Pawan. He dominated Pawan throughout the match but Pawan kept fighting and in the end, Ravinder couldn’t get the fall, so the match ended in a draw.Others
There were many more matches for younger wrestlers. Wrestlers Happy, Gullu, Ramesh, Suresh of village nathupur fought well and won.All the younger wrestlers were able to get several matches and got cash prizes each time they wrestled.
As the tradition goes, all the coaches, gurus, khalifa and other dignitaries were felicitated with headgear and some cash prize.
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