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Nov 5, 2017

KUSHTI WRESTLING: Shatla VIllage Dangal

By Deepak Ansuia Prasad











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शट्ला गाँव मवाना का दंगल। सौजन्य से इरशाद व् क़ादिर भाई।
गंगा मइया से लगभग दस किलोमीटर दूर , मवाने का क्षेत्र यूँ तो "मवाना शूगर मिल" के नाम से प्रसिद्द हैं। लेकिन ऐतिहासिक दृस्टि से मवाना एक महत्वपूर्ण क़स्बा है। मवाना "मुहाना" शब्द से निकला हैं। प्राचीनकालीन महाभारत के समय से ही , भारत की राजधानी हस्तिनापुर के मुहाने पर बने इस प्राचीन शहर का नाम मुहाना से मवाना कब हो गया शायद ही कोई जानता हो। आज मवाने की मिली जुली या यूँ कहें की "गंगा जमुनी" संस्कृती हैं। विभिन्न सम्प्रदाय के मुसलमानो , हिन्दू जाटों , गुर्जर , यादव ( अहीर ) राजपूत , त्यागी , बनिया , जैन , चौहान , जैसे भिन्न भिन्न सामाजिक ताने बाने में बने लोगों का यह एक छोटा सा शहर सम्पूर्ण भारत की विभिन्नता में एकता को समेटे हुए अमन चैन से जी रहा हैं।

अमन चैन से जी रहे इस शहर में कई मेले लगते हैं , जिनमे अमर शहीद चंद्रभान " शहीद चंद्रभान प्रदर्शनी " , मेला मखदुमपुर , गंगा स्नान इत्यादि। आप माने या न माने , कोई लिखे या न लिखे , दिखाए या न दिखाए मवाने के लोगों को एकता के सूत्र में पिरोने वाला एक धागा और भी हैं , और वो हैं कुश्ती की प्राचीन परंपरा से जुड़ा , मवाने का अति प्राचीन दंगल। मवाने के दंगल का भी मवाने जैसा ही प्राचीन इतिहास हैं। खुले खेत में दंगल जुड़ता हैं , भीड़ उमड़ती हैं , दूर दराज से पहलवान आते हैं , खूब कुश्तियां होती हैं , मनोरंजन ही मनोरंजन। दंगल में हुई कुश्तियां लोगों के जहन में हमेशा हमेशा के लिए दर्ज हो जाती हैं। हाँ , इस बार दीपक अनसूया भी यहाँ मौजूद रहा , कितनी ख़ुशी की बात हैं , मवाने का ये दंगल वर्षों बाद रेकार्ड में चढ़ेगा। और जो पहलवान यहाँ कुश्ती दिखा गया वो लोगों के जहन में तो उतरेगा ही, फोटो , वीडियो और समाचार बन कर हमेशा हमेशा के लिए कुश्ती के और मवाने दंगल के इतिहास के पन्नो में अपना नाम दर्ज करा लेगा। मुझे कुश्ती दंगल की कवरेज के लिए आमंत्रित करने का श्रेय हैं भाई इरशाद और क़ादिर को जिसके लिए मैं उनका तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ।

प्रत्येक वर्ष की ही तरह इस बार भी शटला का दंगल धूम धाम से संपन्न हुआ। इरशाद और कादिर भाई ने बढ़िया इंतजाम किये। अच्छा टेंट , कुर्सियां , माइक , पानी की व्यवस्था , पार्किंग , बेहतरीन अखाडा और देश के नामी पहलवान। दंगल में पार्किंग की व्यवस्था , पुलिस प्रशाशन सभी चाक चौबंद रहे। वहीँ कुश्तियों के जोड़ मिलाने , दंगल का संचालन करने , कमेंटरी व् पहलवानो को नकद इनाम बांटने का जिम्मेदारी ली स्वयं इरशाद भाई व् कादिर भाई ने। दंगल में लोकल व् आस पास के क्षेत्रों से आये पहलवानो के अलावा , पंजाब , हरयाणा व् दिल्ली से भी पहलवान पहुंचे। कुश्तियाँ देखने के लिए हज़ारों हज़ार कुश्ती प्रेमियों की भीड़ उमड़ी , जिन्होंने शांति से बैठ कर दंगल का आनंद लिया।

दंगल में पहले इनाम की कुश्ती हुये नासिर पहलवान गुरु हनुमान अखाडा , दिल्ली और रिंका पहलवान घग्गर सराय पंजाब के बीच। रिंका को नासिर ने नीचे बैठाया तो रिंका ने लोट मारकर पीछे आने की कोशिश की। कुश्ती को ज्यादा देर रुकने न दिया गया और रेफेरे अशोक पहलवान ने दुबारा कुश्ती चलाई। नासिर ने एक बार फिर रिंका को नीचे लाकर , ईरानी दांव लगा कर चित्त कर कुश्ती अपने नाम की। अनुभवी और बड़े पहलवान को हरा कर नासिर ने पैर छु कर रिंका से आशीर्वाद लेकर कुश्ती की शानदार परम्पराओं की याद दिलाई।
दंगल की दूसरी कुश्ती में शेरू गुरु जसराम ने गयूर कैराना को चित्त किया। इसी प्रकार मुबारक गुरु हनुमान ने अपने प्रतिद्वंदी रविंदर सुभाष स्टेडियम को चित किया। वहीँ शमशाद गुरु जसराम और संदीप पंजाब , तालिब और शेरू बराबर , सुमित खरखड़ी और नसीम , नीरज बराबरी पर छूटे। वहीँ गुरु जसराम के शिष्य और शटला गाँव , मवाना के उमर , अहमद , कैफ , दानिस , सलमान , जोगा , पवन, हनी ने भी बेहतरीन कुश्तियां दिखाई।

दंगल में गुरु खलीफाओं का परंपरागत स्वागत किया गया। रहमान पहलवान मलेरकोटला , उस्ताद फरमान पहलवान , हिलाल पहलवान , खलीफा नाइकुल्ला पहलवान , भूरे पहलवान शटला से व् गुरु जसराम अखाड़े से आज़ाद पहलवान , विक्रम पहलवान का विशेष स्वागत किया गया।



ENGLISH VERSION


About 10 kilometers from the sacred river Ganges and Meerut city lies a beautiful town called Mawana. known for its “Mawana Sugar Mill”.

The city is full of “Ganga Jamuni” culture, with people of different communities like Muslims, Hindu Jat, Gurjars, Yadav, ( Ahir), Rajput, Tyagi, Baniya, Jain, Chauhan etc.

The ancient tradition of Kushti in nearby Shatala Village keeps all the clusters of society united into a single and unique society.

The Dangal at Shatala village is organized in an open field. Wrestlers are invited from all over India and the event draws a big crowd. Wrestlers who shine here are remembered forever. Every wrestlers is given a cash prize; the wrestlers who put on a good show are rewarded by the public too.

The Dangal was organized by Irshad Bhai and Qadir Bhai of Shatla Village. The security and law and order were maintained by the Uttar Pradesh Police who did their job very well. Both Irshad and Qadir bhai paired the wrestlers, acted as commentators, and gifted the cash prizes to the winners.

The first prize match was between Nasir Qureshi of Guru Hanuman Akhada and Rinka Pahlwan of Maler Kotla Punjab. Rinka is a seasoned wrestler, while Nasir has become a star at the national level recently. Rinka was pinned by Nasir who won a cash prize of Rs. One Lakh.

In other matches, Sheru Pahlwan, Guru Jasram Akhada, pinned Gayur of Kairana. Mubarak pinned Ravinder of Subhash Stadium.

Big matches that ended in draws were: Shamshad vs Sandeep, Talib vs Sheru, Sumit vs Naseem.

Young wrestlers of Shatla and disciples of Guru Jasram, Umar, Ahmad, Kaif, Danish, Salman, Joga, Pawan, honey put on a great show.

As the tradition goes, the gurus were honored with headgear and some cash. These were Rahman of Maler Kotla, Farman Pahlwan, Hilal Pahlwan, Khalifa Naikulla, Bhore Pahlwan. While Wrestler Azad and Vikram Pahlwan were given a warm welcome and honored in public.

I would like to thank Mr. Irshad and Mr. Qadir for sending me an invitation to cover the event. Along with Ashok Coach of Railway I reached the venue well on time where Irshad and Qadir Bhai welcomed me.















Aug 6, 2017

KUSHTI WRESTLING: Monthly Dangal of Nathupur Village

By Deepak Ansuia Prasad
9th July, 2017









नाथुपुर गाँव का मंथली दंगल - सौजन्य से हरपाल पहलवान , राजेंदर पहलवान व् दीपक अनसूया प्रसाद।

आज देश भर के हजारों हजार अखाड़ों में लाखों लाख से ऊपर पहलवान हैं। कुश्ती की तैयारियों में लगे ये पहलवान जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं , पसीना बहा रहे हैं। अपने अपने उस्तादों , गुरु , खलीफाओं से दांव पेच सीख कर उन्हें रमा कर रहे हैं। निश्चित ही ये पहलवान अपने हुनर को दंगलों में जांचते परखते हैं । इनकी कुश्तियां दर्शकों को भावविभोर कर देती हैं। दंगलों का कोई निश्चित नहीं कब हो , कहाँ हो , और किसे मौका मिले ये भी कहना मुश्किल। दंगलों के छोटे फॉर्मेट के रूप हैं साफ़ताहिक या मासिक दंगल। दिल्ली में कई जगह ये दंगल लगते हैं। उदाहरण के लिए हर सफ्ताह लालकिले का दंगल ,लोनी में सलीम पहलवान का और गोकलपुरी में गुरु राधेश्याम पहलवान का मासिक दंगल। ये इवेंट भी बड़े दंगलों की ही तरह काफी मशहूर हैं। बड़े और नामी पहलवानो को तो मौका हर जगह मिलता हैं , लेकिन इन दंगलों में नए पहलवानो को भी अवसर मिलता हैं जिससे , उन्हें खुद की तैयारी परखने और बड़े दंगलों में लड़ने का का हुनर मिलता हैं।

मेरे मित्र गोलू पहलवान की चंडीगढ़ स्थित मुल्लांपुर कुश्ती अकादमी भी कई अखाड़ों के पहलवानो को आपस में कम्पटीशन करा कर, इस तरह के दंगल मैट और मिटटी दोनों पर आयोजित करती हैं। इससे पहलवानो की एक शानदार नई पीढ़ी तैयार हो रही हैं। अमूमन ऐसे कम्पटीशन विदेशों जैसे अमरीका , ईरान और जॉर्जिया में भी होते रहते हैं।

इसी से प्रेरणा लेकर , मेरी इच्छा थी की दिल्ली के इस दक्षिण भाग में जहाँ मैं रहता हूँ , इस प्रकार के आयोजन होने चाहिए। मैंने किशन गढ़ मेहरौली में अखाडा के संचालक गुरु माता से इस बाबत बातचीत की तो उन्होंने पहली बार मंथली दंगल की इस क्षेत्र में शुरआत की। जो की बेहतरीन रहा। गुरुमाता किशनगढ़ के आशीर्वाद से बाल पहलवानो को अपनी कला दिखाने के खूब अवसर प्राप्त हुए। इस कम्पटीशन की रिपोर्ट मेरी कुश्तीरेस्लिंग वेबसाइट पर हैं। और ये दंगल हर महीने की 11 तारीख को किशनगढ़ महरौली में हुआ करेगा।

इसी दिशा में आगे चलकर मैंने नाथुपुर अखाड़े के गुरु हरपाल व् गुरु शामलाल अखाड़े के राजेंदर पहलवान से भी दंगल करवाने सम्बन्धी बातचीत की। गुरु लोग तैयार हुए तो हमने दंगल की आधारशिला , नाथुपुर अखाड़े पर , गाँव नाथुपुर , DLF, फेस 3 , में रखी। आसपास के अखाड़ों को न्योता देकर , कम्पटीशन के लिए आमंत्रित किया। शीशपाल अखाडा तिगरा , रामवतार अखाडा बादशाहपुर , हरपाल अखाडा नाथुपुर , रणजीत अखाडा घिटोरनी , श्यामलाल अखाडा गुर्जर चौक आया नगर , भीम अखाडा किशन गढ़ , कप्तान रामसिंघ अखाडा कोटला , मंगल अखाड़ा सेवा नगर , इत्यादि अखाड़ों ने इस दंगल में भाग लिया।

दंगल बहुत शानदार हुआ। बाल पहलवानो के लिए हुए इस दंगल में पहलवानो ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। पहलवानो को नकद इनाम बांटे गए। सिरी पहलवान , सुनील पहलवान , अजित , ग्राम परधान नाथुपुर व् घिटोरनी से , कोच तिगरा से कालू पहलवान , रामवतार पहलवान , गुरु माता किशनगढ़ से , कुश्ती प्रेमी व् समाज सेवी भाई विजेंदर लोहिया घिटोरनी से , मीर पहलवान घाटा अमीरपुर , अशोक कोच रेलवे से , बिशम्भर खलीफा आयानगर से , रईस भाई , हरेन्दर भाई इत्यादि लोगों ने दंगल में शिरकत की।

दंगल की पहली कुश्ती हैप्पी गाँव नाथुपुर अखाडा गुरु हरपाल व् तीरथ पहलवान अखाडा कुश्ती रतन गुरु भीम के बीच हुई जिसमे हैप्पी पहलवान विजय रहे। इसी प्रकार आशीष , रंजन , अनुज , भोला , रविंदर , कृष्ण , सलमान , जावेद जैसे पहलवानो ने बढ़िया कुश्तियां दिखा कर दर्शकों का दिल जीत लिया।

इस प्रकार गाँव नाथुपुर में , गुरु हरपाल अखाड़े पर यह दंगल बेहतरीन रूप से संपन्न हुआ। और प्रतिमाह दूसरे रविवार को यह दंगल आपको देखने को मिल सकेगा।

ENGLISH VERSION:


Monthly Dangal of Nathupur Village: By Harpal Pahlwan, Rajinder Pahlwan & Deepak Ansuia Prasad

In India there are millions of kushti wrestlers practicing in the local akhadas. They put in a lot of hard work, adhering to customs and traditions. Their Gurus teach them to the best of their knowledge. Dangals help them judge their skills, as well as earn cash prize and respect. Dangals are typically either seasonal or randomly organized.
It is hard to know the time and place of these competitions. Finding a chance to compete in dangals is harder for newcomers. However, to fill this gap there are small monthly and weekly dangals held regularly on a fixed dates periodically. An example is the weekly dangal held opposite the Red Fort in New Delhi, the monthly dangal by Saleem Pahlwan at Loni and the monthly dangal by Guru Radheyshyam Akhada, at Gokalpur, New Delhi.
These regular dangals provide good entertainment for the people too and create awareness about kushti culture. These events also inspire people to stay fit and healthy. Juniors and newcomers find ample chances to compete and showcase what they learnt. This experience will help them compete in big wrestling tournament held across India.
My friend Golu Pahlwan at his Chandigarh-based wrestling academy has gone one step further. He has formed a group of wrestling academies, which organize competitions on mat and mud regularly.
Inspired by this, I hope to organize these in Delhi. When I discussed this with mother Guru, running the Akhada Kishangarh, she readily agreed, and we organized a great wrestling competition last week.
I published a detailed report of the event. Then I asked Guru Harpal and Rajinder Pahlwan to organize one more dangal at village Nathupur, Gurgaon, which is adjacent to South Delhi. They agreed and we planned one more monthly at village Nathupur.
This was the first dangal, so we invited nearby Wrestling Akhadas, Sheeshpal Akhada, Tigra, Guru Shyam Lal Akhada, Guru Bheem Akhada, Kishangarh, Ramdal Akhada Kidwai Nagar, Captain Ramsingh Akhada kotla, Ranjeet Akhada Ghitorni, Ramavtaar Akhada Badshahpur, etc participated in the event.
Wrestling was on a mat rather than mud. Ashok coach of Railway refereed in the event. Siri pahlwan, Sunil pahlwan, Ajit, Village head of Nathupur, Ghitorni, councilor of village Nathupur, Ramavtaar, Bijender Lohia, Meer Pahlwan ameerpur Ghata, Bishambhar Khalifa, Rai bhai, Harender Bhai and many important personalities graced the event with their presence,
The first prize match was between by Happy of Guru Harpal of village Nathpur and Teerath Pahlwan of Guru Bheem Akhada, it was a good match, in which Happy won.
Ashish, Ranjan, Bhola, Ravinder, Krishan, Salmaan, Javed etc fought well too.
Wrestlers are welcome to participate in the event on the second Sunday of every month.