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Aug 16, 2014

KUSHTI DANGAL कुश्ती - WRESTLING COMPETITION IN KANDHLA

By Deepak Ansuia Prasad












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कांधला उत्तर प्रदेश में , आसिफ पहलवान की याद में चार दिन तक चला दंगल। आसिफ पहलवान छोटी उम्र के पहलवान थे। कांधले के दंगल में उनकी कुश्ती हो रही थी , बढ़िया खेल दिखाते हुए उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी पहलवान पर ढाक दांव लगाया लेकिन फिसल कर पहलवान उनके ऊपर आ गिरा और चोट खा गए । अंदरूनी चोट लगने से वहीँ असमय काल के ग्रास हो गए । आसिफ पहलवान की याद में कांधला के प्रमुख हाजी बाबला , लल्लू पहलवान , गाँव कांधला, कैराना , गंगेरु के लोगों ने दंगल करवाया और उसमे में हिस्सा लिया।

हरयाणा की पहलवान तरसेम की कुश्ती पुरबालियान के एक बेहद गरीब लेकिन चतुर नाई की लड़की से हुई। दंगल में महिला पहलवान संतोष कुमारी को शील्ड प्रदान कर सम्मान किया गया । दंगल में महिलाओं की भागीदार नगण्य है मेरा मानना है की महिलाओं को बराबर का दर्ज मिलना चाहिए , मेरी प्रार्थना हैं की यदि कोई दंगल कमिटी महिला पहलवानो की कुश्ती कराना चाहती है तो मुझसे संपर्क कर सकती हैं।

उत्तर प्रदेश के वसीम पहलवान को सालों से कुश्ती दंगलों में देख रहा हूँ। ( इस बार काले जांघिए में ) वह आप राष्ट्रीय स्तर के पहलवानो से लड़ सकते हैं। कुश्ती में प्रतिभा के धनि इन खिलाडियों को कब न्याय मिलेगा। अल्लाह / भगवान मालिक हैं।

ऐसे बनते हैं गाँवों में बाल पहलवान :-
कुश्ती पहलवानो के दांव , करतब देख कर बच्चे खींचे चले आते हैं अखाड़ों की और , पहलवानजी योगेस्वर और सुशील भी ऐसे ही आये थे एक दिन। मुझे दुःख हैं शहरों के बच्चे मोबाइल / कंप्यूटर गेम्स , माल्स , सिनेमा और फ़ूड कोर्ट्स की और भागते नजर आते हैं। उनके पास पैसा हैं , सो अय्याशी के नए -२ तरीके इज़ाद हो रहे हैं। शहरी पीढ़ियां कमजोर हो रही हैं , कही थोड़ा काट जाय, जुकाम हो जाय , हल्का बुखार हो जाय तो एडमिट करो हस्पताल में। किसी पहलवान से भीड़ जाय तो एक घूंसे में ही कहानी खत्म हो जाय।

कांधला में दंगल शानदार हुआ , पहलवानो ने पूरी जान झोंक दी , पहलवान कुश्ती दिखा कर बैठे ,हैं इस बात का अफ़सोस हुआ की , लल्लू पहलवान के दरवाजे पर बहुत देर तक पाने तय , जीते हुए इनाम के लिए खड़े रहे , लेकिन कुछ हासिल न हुआ। " दंगल में नहीं आना इधर " बहुत से पहलवानो को कहते सुना। वाकई में कांधला में बहुत बढ़िया दंगल हुआ लेकिन पहलवानो के साथ उतना ही बुरा बर्ताव। खाली हाथ पहलवानो को लौटते देख मुझे भी बहुत निराशा हुई। लल्लू पहलवान ने कांधला निवासियों के लिए भी शर्मनाक स्थिति पैदा कर दी

हरयाणा सोनीपत के प्रदीप और कैराना के भोलिया बीच छुट्टी की कुश्ती का उदघाटन करते हुए लल्लू खलीफा। कुश्ती में प्रदीप भारी पड़े , उन्होंने भोली को नीचे बैठा , घुटना लगा कर चित्त कर कुश्ती अपने नाम की।

नसीम, और राजकुमार - दोनों बढ़िया कुश्ती लड़े , दोनों का बहुत जोर लगा , कभी कोई ऊपर तो कभी कोई नीचे , कुश्ती का टाइम खत्म होने पर भी दोनों पहलवानो ने और समय माँगा , लेकिन कुश्ती फिर भी निर्णायक न हो सकी।


ENGLISH VERSION


Pradeep Pahlwan of Haryana and Bholi Pahlwan of Kairana squared off for the grand prize at the Kandhla dangal. Pradeep is a huge, strong wrestler and no one dared to challenge him until finally Bholi decided to take him on. Pradeep dominated Bholi from the start. He took Bholi down quickly, placed one knee on his head and pulling him by his janghia toppled him over for the pin.

The dangal was held in memor of Asif Pahlwan who died from a terrible injury sustained while wrestling at a dangal in Kandhla. Hazi Balla, Lallu Khalifa, and the people of Kandlha, Kairana, and Gangeru helped organizing the competition. Hundreds of people flocked to watch the competition. The young people of the area stared in awe of the huge wrestlers as they battled proudly.

Matches:
Naseem vs. Rajkumar: Rajkumar attacked Naseem using a technique called Multani, however Naseem saved himself. Rajkumar controlled Naseem and tried to pin him using a technique called Irani but could not succeed. Naseem freed himself and reversed so he was in control of Rajkumar and nearly pinned him many times. This match was a delight to watch, however it was called a draw after the allotted time elapsed.

Umesh of Kandhla vs Krishan of Sonipat: Krishan dominated the match but could not pin Umesh and it ended in a draw.

Tasleem Khan vs wrestler from Uttar Pradesh: Tasleem Pahlwan wrestled a fine wrestler from Uttar Pradesh. Tasleem dominated the match, using the Machi-Gota technique several times and appeared to have the UP wrestler pinned, but the referee didn’t call the match so they wrestled until the UP wrestler got the upper hand and finally won the match.

Bilal Pahlwan Gangeru: Bilal Pahalwan battled a much bigger and applied a technique called Dhak, but his opponent easily defended and gained control. He picked Bilal up and tossed him to the ground but they went out of bounds and were called back to the center. Bilal’s opponent took him down again, but Bilal freed himself. The cycle repeated again and again, until finally Bilal gained control of the big man. Suddenly Bilal grabbed the hand of his opponent and used Dhak technique and managed to flip the huge wrestler to his back. People were cheering and clapping and Bilal was declared a winner.

The competition also featured women’s matches. A girl named Tarsem fought with a local girl of the area. Tarsem was honored with given a shield for her participation.

It was indeed a great wrestling event. But unfortunately many of the wrestlers were kept waiting until night for their prizes. “We will not come here again” I heard them saying. Apart from making it a memorable event Lallu pahlwan put the reputation of Kandhla and nearby towns at stake.

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