भैंसवाल गाँव का दंगल
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शामली कस्बा है , वहीँ कांधला के पास भैंसवाल नामक गाँव है। इसी गाँव के देवराज पहलवान हाल ही में आर्मी से सेवा निवृत्त हुए हैं , उन्हें पहलवानी से लगाव है,और उन्होंने अपने गाँव में बच्चों को पहलवानी के गुर सिखाने के लिए एक अखाडा भी खोला है। उनसे बातचीत में उन्होंने बताया की वो अपने गाँव और आस पास के बच्चों को नशे और गन्दी आदतों से दूर रखना चाहते हैं, जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो , इसके लिए ही उन्होंने पहलवानी को चुना। इसी लिए उन्होंने इस बार दूसरी बार अपने गाँव में दंगल करवाया। दिल्ली और आस पास के क्षेत्र में प्रदूषण का माहौल है और उत्तर परदेश के भीतरी इलाकों में हरियाली है, और सड़कों के किनारे हरियाले छाया दार वृक्ष देख कर मन खुश हो गया। भैंसवाल गाँव पहुँच कर एक मित्र के घर पर रुके , कुछ चाय नाश्ता कर दंगल के स्थान पर पहुंचे। देवराज पहलवान दंगल के संचालन में मशगूल थे , उनसे मुलाकात कर बहुत अच्छा लगा , उन्होंने दंगल में हमारा स्वागत किया और स्थान ग्रहण करने के लिए कहा। दूर दराज से पहलवान लोग दंगल में भाग लेने आये थे , अखाड़े के बिलकुल नजदीक बैठे लोगों से लेकर दूर दूर तक दशकों से दंगल का मैडल खचाखच भरा था, वो अपने पसंदीदा पहलवान की कुश्ती पर दाद देते , तालियाँ पीटते और खूब शोर मचाते इस प्रकार दंगल में उनका भरपूर मनोरंजन पहलवान कर रहे थे। दिल्ली के जीतू पहलवान और उत्तर प्रदेश के पंकज राणा की पहली कुश्ती बड़ी शानदार हुई, पंकज राणा निस्संदेह जीतू से बढ़िया पहलवान रहे , उन्होंने अपने भरपूर कला कौशल का प्र्यॊग किया पर कुश्ती जीतने में नाकामयाब रहे , कई बार रेफरी ने उन्हले फ़ाउल खेलने के लिए चेतावनी भी दी। जींद के मुख्तियार काफी पुराने पहलवान है, वो बड़े वजन में है नसीम से उनकी अच्छी कुश्ती चली, बहार भागते नसीम को उन्होंने कई बार चित्त करने की कोशिस की लेकिन नाकाय्माब रहे। सूरज पहलवान की लड़की हाल ही में राजस्थान केसरी बनी है, देवराज पहलवान चाहते थे की समाज की पुरानी जर्जर बेड़ियाँ तोड़ , उत्तर परदेश के गाँव में महिला पहलवानों की कुश्ती करा एक नया इतिहास बनाएं लेकिन इसी सिलसिले में लड़कियों का भी इनामी दंगल रखा गया लेकिन, दिव्या सेन के अलावा अन्य महिला पहलवानों का आगमन न हुआ , दिव्या सैन ने अपनी कुश्ती दिखाने के लिए लड़कों से तक लड़ने की इच्छा जाहिर की लेकिन उनका प्रतिद्वंदी न मिला , देश की इस होनहार बेटी को , देवराज ने पहलवान ने उचित नकद इनाम देकर सम्मान किया। और उम्मीद की की अगली बार अवश्य लड़कियां भी दंगल में भाग लेंगी जिसका मुझे भी इन्तेजार , रहेगा की किस उत्तर परदेश के जन मानस में महिलाओं के लिए खेलों में हिस्सा लेने के लिए रुझान पहले से बेहतर हैं। मुलायम पहलवान जूनियर पहलवानों की केटेगरी में अछे पहलवान थे , शुभम पहलवान से उनकी अछि कुश्ती हुई दोनों ने श्रेष्ठ कुश्ती कला का पर्दर्शन किया और दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। करतार सिंह भडाना जी और उनके हेलीकाप्टर ने दंगल को यादगार बना , दिया पहलवानों के लिए और देवराज जी के निमन्तरण पर उनका हेलीकाप्टर ठीक दंगल के बराबर खेत में उतरा , उन्होंने बहुत थोडा सा समय दर्शकों को संबोधित किया, दंगल कमेटी को इकतीस हज़ार का सहयोग दिया। भैन्स्वाल गाँव के लोगों ने दंगल में विशेष सहयोग दिया, शांति और अमन के साथ दंगल में बैठने और पहलवानों के बीच कुश्ती कराने की व्यस्था शानदार थी और शान्ति के साथ दंगल संपन्न हुआ। देवराज पहलवान ने सभी अतिथियों , बतीस खाप के प्रधानो , व् बत्तीस खाप के सरपंच का दंगल में स्वागत किया , सभी गुरु खलीफाओं का उचित सम्मान किया , दूर दराज से आये पहलवानों के किराये भाड़े व् खान पान का उचित प्रबंध किया जिसके लिए वें बधाई के पात्र हैं।
ENGLISH VERSION
Wrestling is in Devraj Pahalwan’s blood. And following a long stint in the Army, he has returned to his village of Bhainswal in Uttar Pradesh to teach the local boys the art of Indian wrestling. Devraj Pahalwan has also started a great annual dangal. This is the second year in a row that it has been held. Wrestlers from many states came to compete in the competition. Delhi and the surrounding areas are very polluted so it was literally a breath of fresh air to come to Bhainswal. When we reached the village a friend of mine took us to his home and there we took some rest and ate some food, after that we reached the venue where the dangal was starting.
SUBHASH VERMA
Olympic wrestler Subhash Verma was one of the main guests. He was welcomed by the people of the area and by the dangal committee and was asked to speak a few words for the wrestlers and the fans. Subhash Verma said that all wrestlers need to work hard to achieve their goals. He said when he was a young wrestler, he trained in Spartan facilities and ate simple food, but his determination allowed him to succeed.
Just before the wrestling began, Devraj welcomed the village people, and the heads of 32 tribes of his community. He honored gurus, khalifa, coaches, and wrestlers and announced that the dangal would be held for 3 full days next year.
JEETU PAHLWAN VS PANKAJ RANA.
Pankaj Rana is a very good wrestler. Last year he defeated a bigger opponent to win first, which is called chute ki kushti. The announcer introduced Pawan Rana to the crowd and asked an challengers to come forward for the first prize match. Nobody dared to accept the challenge. But when Devraj Pahlwan asked who has come from Delhi to wrestle, obviously it was Jeetu Pahlwan and he asked Jeetu to take on Pankaj Rana. That is how the match was organized. The two wrestlers shook hand and charged at each other. Pankaj Rana was so sure of his success that he became frustrated that he couldn’t defeat Jeetu easily and was cautioned by the referees many times for rule violations. Even I cautioned Pankaj Rana many times. In the end, Pankaj Ran was unable to pin Jeetu and the match was declared a draw. The crowd enjoyed the match and Jeetu earned great respect for holding his own against the champion. Devraj Pahlwan invited Jeetu to come next year.
MUKHTIYAR PAHLWAN OF JIND AND NASEEM PAHLWAN OF SHAMLI.
Mukhtiyar is a great heavyweight wrestler, but that didn’t deter Naseem Pahlwan, a much smaller wrestler, from challenging him. The match lasted for 20 minutes and both the wrestlers put on a very good show. Mukhtiyar took Naseem down many times, but despite his weight advantage, could not pin the smaller wrestler. In the end the match was called a draw.
DEV SAIN VS MULAYAM PAHLWAN
Both junior wrestlers fought well. At one point, it seemed Mulayam had Dev Sain pinned, but he managed to escape and after 10 minutes of wrestling, the match was declared a draw.
KARTAR SINGH BHADANA AND HIS HELICOPTOR.
Kartar Singh Bhadana is a great leader and an ardent kushti fan. He made a dramatic appearance at the dangal hovered overhead in a helicopter before landing in a nearby field. He praised Devraj Pahlwan for his efforts and gave Rs 31000/- as his contribution. Then he got back in his helicopter and flew away.
DIVYA SAIN THE GIRL WRESTLER
Devraj Pahwlan also invited women wrestlers, but only Divya Pahlwan, daughter of Suraj Pahlwan, showed up. Seeing that there was no other female wrestler, she said she would accept the challenge of any male wrestler in her weight category. No one took the challenge, but Devraj Pahlwan honored her with 2100/- rupees and a trophy.
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