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Dec 15, 2013

MANGROLI VILLAGE DANGAL BY SUBHASH MUKHIYA

By Deepak Ansuia Prasad

मंगरौली गाँव का दंगल - सुभाष मुखिया के सौजन्य से




सम्पूर्ण भारत में आज स्वतंत्रता संग्राम के नायकों कि यादें विस्मृत हो रहीं है, तत्कालीन सरकार भी सड़कों , पुलों, सरकारी भवनों इत्यादि का नाम राजनैतिक नेताओं के नाम पर ही कर रही हैं, ऐसा लगता है कि जिन लोगों ने अपने प्राणो कि आहुति देकर हमें गुलामी के बेड़ियों से मुक्त कराया आज उनकी यादें भी गौण हो गई हैं, और। आज देश के जिन वीर सपूतों ने स्वतंत्रता कि बलिवेदी पर अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया था, उनके त्याग और बलिदान को याद करने वाले कुछ विरले ही रह गए हैं. इन वीरों , शहीदों की यादों को ताज़ा करने के लिए सुभाष मुखिया जी ने अपने क्षेत्र में एक विशाल दंगल कराया , जिसमे हज़ारों कि संख्या में दर्शक गण मौजूद रहे , इससे भारतीय कुश्ती की प्राचीन खेल परंपरा को भी एक नया आयाम मिला और साथ ही चंद्रशेखर आज़ाद, सुभाष, भगत सिंह, बिस्मिल, बटुकेश्वर, वीर सावरकर, और अन्य आज़ादी के परवानो को भी याद किया गया.

उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में , ज़ेवर क्षेत्र में मंगरौली गाँव है. इस क्षेत्र में वशिष्ट ब्राह्मणों के कुछ और गाँव भी है. श्री सुभाष वशिष्ठ जिन्हे सब सुभाष मुखिया के नाम से भी जानते हैं खुद भी पहलवान रह चुके है. अपने परिवार और कुछ विशिष्ट समाज सेवकों के साथ मिलकर सुभाष मुखिया ने यह दंगल सफलता पूर्वक संपन्न कराया।

दंगल में मुख्य अतिथि ओलिम्पियन पहलवान योगेश्वर दत्त, डॉकटर , समाज सेवी , विधायक और कैलाश हॉस्पिटल के मुखिया महेश शर्मा जी, मॉडल पुर के राजेश शर्मा जी, क्षेत्रीय BJP के अध्यक्ष श्रीचंद शर्मा जी, मॉडल पुर के कांट्रेक्टर पिन्टु चौधरी , खानपुर ग्रेटर नॉएडा के ,योगेंदर शर्मा, फिरोज़पुर के राजिंदर पहलवान, ब्लाक प्रमुख पंडित कमल शर्मा जी, राष्ट्रिय ब्राह्मण महा सभा के डॉ देवेंदर शर्मा जी, गोकुल पुर से हरीश चौधरी , विनोद चौधरी पूर्व प्रमुख, घरोली के सुभाष, चेयरमैन मास्टर सत्यपाल जी, रमेश पहलवान , पिंटू पहलवान , व् अन्य गणमान्य व्यक्ति रहे,

दंगल में पहलवान इनाम १ लाख रुपये, दूसरा पचास हज़ार , तीसरा इकतीस,चौथा इक्कीस हज़ार रुपये , तथा इसी प्रकार -10,000/-,5000/-3100/-,2100/-,1100/-501/-,301/-,201/- 101/- की भी बहुत कुश्तियां कराइ गई!

दंगल में महिलाओं कि कुश्तियां भी मुख्य आकर्षण का केंद्र रही , मै सुभाष मुखिया जी का व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद करता हूँ, जिन्होंने महिलाओं को भी आगे आने के लिए प्रेरित किया। महिलाओं कि कुश्तियाँ अब देश भर में प्रचलित हैं और महिलाओं ने दंगल में कुश्ती लड़कर दंगल को भी अनूठे आकर्षण का केंद्र बना दिया हैं!

दंगल कि पहली कुश्ती वरुण पहलवान ने जीती। वरुण क्षेत्र के चहेते पहलवान हैं, उनकी कुश्ती देखने के लिए दूर दूर से लोग आये. वरुण एक अच्छे अंतराष्ट्रीय पहलवान हैं, और उन्होंने देश विदेश में देश का गौरव बढ़ाया हैं, छुट्टी कि कुश्ती में उनका सामना एक भारी भरकम पहलवान से था लेकिन वरुण ने अपने प्रतिद्वंदी की एक न चलने दी , उसने वरुण के दांवो से बचने के पुर जोर कोशिश की , लेकिन एक अच्छे दांव के लगते ही चित्त जा गिरा , और लोगों में जोश और ख़ुशी की लहर दौड़ गई , अपने चहेते पहलवान की जीत पर सब ने तालियां बजा , हर्ष ध्वनि कर स्वागत किया और विजेता पहलवान को कंधे पे उठा कर हो -हल्ला करते कमिटी की और ले चले. सुभाष मुखिया ने वरुण को इनाम की राशि कमल भाई के हाथों दिलवाई। लोगों ने वरुण की कला देखी और इससे संतुष्ट न थे , अतः वरुण को माइक दिया गया. वरुण पहलवान ने दंगल में आये सभी लोगों का धनयवाद किया , सबको विश्वाश दिलाया की वे इसी तरह कुश्ती दिखाते रहेंगे। और दर्शकों का मनोरंजन और देश दुनिया में नाम करते रहेंगे।


दंगल के दूसरी कुश्ती भारत केसरी पर्वेश और पंजाब के पहलवान निशांत के साथ हुई , दोनों में बहुत देर तक मलयुद्ध होता रहा और मंत्रमुग्ध से लोग देखते रहे , आखिरी समय में परवेश ने निशांत को चित्त कर कुश्ती और इनाम की राशि कब्जे में की!

दिल्ली के दानिश और आगरा के भूरा की कुश्ती देखने लायक रही , दोनों एक दुसरे पर झपटते , दांव लगते और बचते -२ समय निकल गया , मैंने रेफरी से कह थोडा और समय दिलवाया लेकिन दोनों बराबर जोड़ के निकले!

लड़कियों की कुश्तिया शानदार रहीं, इस बार दिव्या पहलवान के दंगल में आते ही एक बाल पहलवान ने उसे कुश्ती के लिए ललकारा जिसे दिव्या ने स्वीकार किया , कुश्ती बढ़िया चली, तीन बार दिया ने उस पहलवान को खतरे की स्थिति में डाला और अंत में कुश्ती जीती। अन्य लड़कियों ने भी कुश्ती दिखा कर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया , कुश्तियों में लड़कियों के आने से दर्शकों की संख्या और और कुश्ती के प्रती रुझान में इजाफा हुआ हैं!

इसी प्रकार तावडू के सलीम, कालू, अरुण भाटी,राजेश , सुमित,लखन, जयवीर,जावेद अनवर, रॉकी,,मंजीत विनोद पतला खेड़ा के पहलवानो ने भी बढ़िया कुश्तिया दिखाई और दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया!


दंगल शांति पूर्ण ढंग से सम्पान हुआ, ज़ेवर थाना अध्यक्ष को सहयोग और सुरक्षा व्यवस्था के लिए सम्मान दिया गया , सभी गुरु खलीफाओं का भी सम्मान किया गया. लोग दंगल के याद गार क्षणो को लेकर घर लौटे ! स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानियों की यादें भी एक बार सबके जहाँ में लौट आई. दंगल के इस सफल आयोजन के लिए मैं , एक बार फिर सुभाष मुखिया को धन्यवाद देता हूँ

ENGLISH VERSION











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Village Mengroli in Uttar Pradesh is basically a village of Brahmins of Vashisht Gotra. Sri Subhash Mukhiya ji, son of Shri Dan Sahay Vashisht is the village Pradhan, or chief. He learned wrestling during his youth and still loves the sport. The people of village share his passion for kushti along with other traditions including remembering those who sacrificed themselves for the freedom of India.
Subhash Mukhiya ji wanted to put highlight on the struggles and sacrifices freedom fighters made for our country. With the help of his family members he decided to organize a wrestling competition in their honor.
The chief guests who attended the competition were DSP and Olympian wrestler Yogeshwar Dutt, Dr. Mahesh Sharma MLA and President Kailash Hospital, Rajesh Sharma of Model pur, Sri chand Sharma , Presidet of the area BJP, Pintu chowdhry , contractor model pur, Yogender Sharma of Khanpur Greater Noida, Rajinder Pahlwan of Fiozpur village, Pandit Kamal Sharma ji, Block Pramukh Zever. Dr. Devender Sharma of all Indian Brahmin federation, Harish chowdhry of gokulpur, Vinod chowdhry ex bloc pramukh, subhash gharoli, Master satypal singh chairman, Ramesh pahlwan, pintu pahlwan.
The first Prize for the wrestlers of Rs. 100000/-, Second Prize was Rs. 51000/- , the third and fourth were Rs 31000/- and Rs. 21000/-. There were many matches of Rs. 10000/-, 5000/-,3100/-, 2100/-, 1100/-, 501/- 301/- 201/- and a number of bouts for children at Rs, 101/-.
Women wrestlers were also invited to compete, something that was once taboo, but is now more common. Female wrestler Divya Sain demonstrated her strength and wrestling skills to the crowd by taking on two male opponents. In one match, she quickly dominated the male wrestler, turning him onto his back and pinning him in three minutes flat. The other male wrestler was tougher, but he still could not defeat Divya. She wrestled him to a draw.

First Prize Match won by Varun Pahlwan
Varun is an international wrestlers who has brought home many medals from wrestling competitions around the country and around the world. He is a favorite wrestler among the people of Uttar Pradesh and is one of the top kushti wrestlers of India. He is one of my favorites also. It is always great to watch him wrestle for the title. This time to Varun came to fight for the top prize. A big wrestler challenged him and he accepted. The bout went on for more than 15 minutes, btu finally Varun overcame the big man and pinned him. The crowd went wild, lifting him onto their shoulders and carrying him to the dangal committee to collect his prize.
People had seen him action but they wanted to listen to his voice. He was given a microphone and he thanked the fans and assured them that he would be wrestling many more matches in the future.

BHARAT KESRI PARVESH DEFEATS NISHANT
In the match for second prize, Bharat Kesri Parvesh Pahlwan defeated Nishant of Punjab in a good show of strength. The match was slow for some time but in the end Parvesh pinned his opponent to win the match.
Danish vs Bhoora
Danish is a very good wrestler of Delhi while Bhura is a great wrestler of Agra, Uttar Pradesh. They both fought well, however they were both so equally matched that the bout remained undecided for the allotted time. I requested to the dangal committee to give them spare time which was granted but again the result remained undecided.

Many others wrestlers like Salim of Tavadu, Kalu of Badri akhada, Arun Bhati, Rajesh from bahadur gadh, Sumit, Lakhan, Zaved anwar, rocky, manjit fought well and put a good show for the watching crowd.

Over 100,000 people came out to watch the event, Subhash Mukhiya ji deserves praise for putting on such a great dangal. He honored the freedom fighters. And as a tradition he also honored all the guru and coaches present there. The event ended peacefully and the crowed went home fully entertained remembering the freedom fighters who sacrificed their life for the country and with the memories of the moment when their favorite wrestler won.

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