By Deepak Ansuia Prasad
आल इंडिया इंटर -यूनिवर्सिटी गेम्स - महिला व् पुरुष - 2013
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भारत में विभिन्न प्रकार के विश्वविद्यालय हैं. केंद्र सरकार द्वारा संचालित , राज्य सरकार द्वारा संचालित। , डीम्ड व् निजी विश्वविद्यालय। कुल मिलकर पूरे देश में 572 विश्वविद्यालय हैं , इनमे से किसी न किसी विश्वविद्यालय की एक शाखा देश के अधिकांशतः शहर , कसबे या गाँव में अवश्य मिल जायेगी । खेल विभाग लगभग सभी यूनिवर्सिटी में है , और उनमे से बहुत से विश्वविद्यालय। कुश्ती के खेल को अपनाये हुए हैं. उपरोक्त बात से अंदाजा लगा सकते है कि यदि कुश्ती की इंटर - यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप होगी तो कितनी बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय भाग ले सकते हैं.
इंटर - यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप कई मायनो में भारतीय सीनियर कुश्ती प्रतियोगिता से भी बड़ी हैं और इसकी तुलना एक अंतर्राष्ट्रीय आयोजन से कि जा सकती हैं. इस प्रतियोगिता में राष्ट्रिय और औंटर्राष्ट्रीय दोनों स्तर के पहलवान भाग ले सकते हैं, एक स्टेट से अनेक यूनिवर्सिटी भाग ले सकती हैं. इस बार के आल इंडिया इंटर -यूनिवर्सिटी गेम्स - महिला व् पुरुष - 2013 , चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ में संपन्न हुए , इस प्रतियोगिता में भारत के कई राष्ट्रिय व् अंतर्राष्ट्रीय खिलाडियों ने भाग लिया।
इस प्रतियोगिता के आयोजन का भार यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ कुश्ती कोच व् जबर सिंह पर था , उन्होंने अपना काम बखूबी निभाया भी , कुश्ती प्रतियोगिता के सारे इंतेजामात तय समय पे उपलब्ध कराये, पहलवानो कि सुविधा के लिए एक दिन में दो ही वेट के कुश्तियां कराइ , उन्होंने भारत भर से आये पहलवानो के रहने खाने कि व्यवस्था की ,वहीँ मैट ऑफिसियल्स , व् टेक्निकल स्टाफ के लिए यूनिवर्सिटी का गस्ट हाउस उपलब्ध कराया।
उनसे बातचीत में उन्होंने बताया कि 1976 में पहली बार इस यूनिवर्सिटी में आल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स आयोजित हुए थे। यूनिवर्सिटी में उनके आने के बाद 1996 में फिर एक बार आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी कुश्ती चैंपियनशिप का आयोजन हुआ जिसमे उनकी यूनिवर्सिटी की टीम चैंपियन बनी , 2002 में फिर एक बार यही यूनिवर्सिटी दुसरे स्थान पर तथा 2009 में एक बार फिर उनकी यूनिवर्सिटी महिला और पुरुष वर्ग में प्रथम स्थान पर रही. और इस बार भी हमेशा कि तरह उनकी यूनिवर्सिटी कि टीम महिला वर्ग में दुसरे तथा पुरुष वर्ग में प्रथम स्थान पर रही. यह कुश्तियों का एक भव्य आयोजन इसलिए भी कहा जाएगा क्योंकि इस बार महिलाओं कि 52 और पुरुषों कि 85 यूनिवर्सिटी की टीम्स ने भाग लिया। इस आयोजन कि तैयारियां और खेलों को 10 से 15 दिन लगे. कुश्तियां यूनिवर्सिटी के दारा सिंह हाल व् बगल के ही ग्राउंड पर भी करायी गई. कुश्तियों को कराने के लिए सभी आधुनिक इंतज़ाम जैसे कि पॉइंट्स के लिए डिस्प्ले बोर्ड, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, विडियो रिकॉर्डिंग इत्यादि भी मुहैया कराये गए थे । उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अधिकारीयों ने इस प्रतियोगिता में कुश्तियों कि रेफेरशिप व् जजमेंट का कार्य किया।
चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ कि महिला पहलवानो में 48 किलोग्राम भार वर्ग में शीतल तोमर ने रजत ,51 किलोग्राम भार वर्ग में अचना ने स्वर्ण , 63 किलोग्राम भार वर्ग में बबिता रानी ने रजत , 67 किलोग्राम भार वर्ग में अनुराधा तोमर ने ब्रोंज व् 72 किलोग्राम भार वर्ग में मन्नू तोमर ने ब्रोंज मेडल जीता
पुरुषों के ६६ किलोग्राम भार वर्ग में बजरंग ने पहला स्थान प्राप्त किया , बजरंग विश्व चैंपियनशिप के ब्रोंज मेडलिस्ट विनर पहलवान भी हैं , इसी प्रकार ८४ किलोग्राम वर्ग में महाराष्ट्र के सागर बिराजदार प्रथम रहे.
गुरु जबर सिंह जी ने यूनिवर्सिटी के पूर्व स्टार पहलवानो को मेडल व् सर्टिफिकेट वितरण के लिए आमंत्रित किया था , जिसमे अर्जुन अवार्डी इंस्पेक्टर अनुज चौधरी, अर्जुन अवार्डी व् हिन्द केसरी सुभाष वर्मा , अर्जुन अवार्डी शोकिन्दर तोमर , व् अर्जुन अवार्डी अलका तोमर शामिल रहे. पूर्व स्टार पहलवानो के हाथों पदक लेना , नए विजेताओं के लिए प्रेरणा स्रोत था
कुश्ती खेल के क्षेत्र में सतत प्रयत्न्शील रहे कोच जबरसिंह जी ने देश को श्रेस्ठ पहलवान दिए हैं. कई दशकों से वे निरंतर पहलवानो को कुश्ती का अभ्यास करने के साथ ही उनके लिए हर सम्भव मदद कि भी व्यवस्था करते हैं , देश भर में चाहे मैट पर कुश्ती हो या मिटटी में उनके शिष्य अपनी कुश्ती कला दिखा कर पदक व् इनाम बटोर रहे हैं. उनकी ही शिष्य रही अलका तोमर ने देश विदेश में ओलिंपिक को छोड़ कर कुश्ती से जुड़े सभी पदक कई -२ बार हासिल किये। उन्हें इस बात का मलाल जरूर है कि अलका ओलिंपिक के लिए सेलेक्ट न हो सकी। लेकिन वे निरंतर नयी अलका तोमर तैयार कर रहे हैं , आज उनकी महिला पहलवानो ने देश भर में धूम मचा रखीं हैं मुझे यह कहने में कतई संकोच नहीं है कि गुरु जबर सिंह आधुनिक कुश्ती के गुरु द्रोणाचार्य हैं
English Version
There are almost 572 universities in India with their branches all over India. Most of the universities have sports departments and wrestling is one of the main sports in all the universities. In the university games here at Choudhry Charan Singh University , Meerut (CCS University) I witnessed many national and international players participating in the All India Wrestling Championship.
Coach Jabar Singh who is a very senior coach of the university took the responsibility of carrying the games successfully. He told me that the university organized its first championship in the year 1976. After he joined in he organized the games in 1996 and at his time the university won championship , again the games were organized here in the year 2002 in which the university remained second. The games were organized one more time in the year 2002 when the university become champion in both men and women’s wrestling. And after that the games are organized this time in 2013.
52 teams of different universities in women’s and 85 teams of different universities in men’s category participated. It was a huge event which ran for almost 10-15 days and needed equal amount of preparations. Thanks to coach jabar singh ji who carried out the game successfully . University’s Darasingh mat hall was specially prepared for the event with all modern technical equipment required to carry on. The hall has the single mat facility hence, few matches of preliminary rounds were carried on at the adjacent sports ground. Boarding and lodging facilities for the wrestlers were of a standard level. While the university guesthouse was booked for the U.P. State Wrestling Association officials under whose chairmanship the events were organized and who worked as refries, mat officials, judges etc.
This time too CCS university came first in men’s event and second in women’s wrestling event. In women’s category 48kg. Sheetal Tomar won silver, 51 kg Archna won gold, 63 kg Babita Rani won Silver, 67 kg Anuradha Tomar won Bronze, 72 kg Mannu Tomar won bronze.
To motivate wrestlers Coach Jabar singh ji invited former star wrestler of the university who handed over medals and certificates to the winning wrestlers. Among them were Arjun Awardee and Inspector in UP Police Anuj Chowdhry, Hind Kesri, and Arjuna Awardee Subhash Verma, Arjuna Awardee Shockinder Tomar and Arjuna Awardee Alka Tomar.
I have seen Sr. Coach Jabar Singh ji working tirelessly. And it has been over decades since he has been continuously teaching students, running the wrestling centre, and under his guidance many- many great wrestlers were born. Alka Tomar is one such a women wrestler. She has won every medals at national or international level. Although she could not participate in the Olympics. This pains jabar singh ji a lot. He always remembers the event when she lost to geetika jakhad at the Olympic trials. He however describes it as an act of fate and feels he is not stopped since then alka left wrestling although. He is busy making new alka tomar and anuj chowdhry. This great coach is really a guru dronacharya of recent times.
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