45th हिंद केसरी टाइटल - संस्मरण -1
माननीय संसद सदस्य श्री अंजन कुमार यादव जी , जो एक अनन्य कुश्ती प्रेमी है, स्वयं भी एक अछे पहलवान रह चुके है , और आज कुश्ती खेल की दरिद्र अवस्था में भामाशाह की तरह कुश्ती पर तन मन धन अर्पण किये हुए है ऐसे महान व्यक्ति के बुलावे पर 45th हिंद केसरी टाइटल के लिए हैदराबाद जाना स्वीकार किया !
स्टेशन पर पहुंचा तो गाडी ३ घंटे देरी से चलने का मन बना चुकी थी, यूँ भी सरकारी गाड़ी है सोचा उन्हें क्या आफत पड़ी है , जब सरकारी ही सुस्त पड़ी है तो गाडी क्यों न थोड़ी देर सुस्ता ले ! पर मन कहाँ मान रहा था , चंचल मनः कृष्ण , वह तो हैदराबाद पहुँच चूका था, दिमाग के छोटे से हिस्से में एक बड़ा स्टेडियम और उसमे बने एक अखाड़े में पहलवानों का द्वन्द शुरू हो चूका था, २४ डिब्बों की ट्रेन में हम लगभग 250 -300 पहलवान और सम्बंधित लोग बैठे थे ! औसतन 20 -25 आदमी एक डिब्बे में , इस प्रकार सारे भारत से लोगों को निमंत्रण था , यूँ लगता था देश भर के पहलवान , गुरु खलीफा , और कुश्ती प्रेमी हैदराबाद की ओर बढे चले आ रहे हैं ! देर रात हैदराबाद पहुंचे , स्टेशन पर पूर्व हिंद केसरी जगदीश पहलवान आगंतुकों को रिसीव कर रहे थे , दिल्ली से लेकर हैदराबाद तक दंगल की सुचारू व्यवस्था के लिए वह दिलो जान से जुटे थे ! स्टेशन पर सबके लिए वाहनों की व्यवस्था थी अतः सब सज्जनों को होटल तक पहुँचाया गया ! गुरु हनुमान अखाड़े से आये भगत सिंह पहलवान , जो की स्वयं भी तीन बार के हिंद केसरी रह चुके है , और ढेरों अन्य पुरस्कार जीत चुके है, उनके साथ ही दिल्ली से चला था , अतः स्टेशन पर भी साथ -२ हो लिए , होटल पहुँचने पर एक ही कमरे में दो लोगों की व्यस्था थी , सो वहां भी साथ रहने का निर्णय लिया ! वहीँ पर सभी आगंतुकों के लिए बुफ्फेट का इंतजाम था , सो आते ही हैदराबाद की मशहूर बिरयानी के दर्शनों का सौभाग्य मिला ! अगले दिन पहलवानों के लिए वजन होने थे , सो दोनों स्टेडियम की ओर चल पड़े ! हैदराबाद शहर दंगल के कट आउट , पोस्टर , पर्चों से सराबोर था, हर चौक चौराहे पर बड़े बड़े कट आउट लगे थे जिससे दंगल की भव्यता का अंदाजा लगाया जा सकता था ! स्टेडियम पहुँचने पर देखा तैयारियां चल रही थी , मैदान के बीचो बीच ईंटो की पक्की दीवार से अढाई फुट अखाडा बनाया जा रहा था जिसमे मिटटी भरी जा रही थी , सुरमई लाल रंग की मिटटी फोटो ग्राफी में अलग ही प्रभाव दिखाती है, देश के बड़े नेताओं के विशाल कट आउट खड़े किये जा रहे थे , स्टेडियम के छतों पर विशाल गुब्बारों में दंगल की सुचना लहरा -२ कर पुरे हैदराबाद को रोमांचित कर रही थी, अखाड़े से कुछ दुरी पर मुख्य अतिथियों के लिए एक विशाल मंच तैयार किया जा रहा था ! व् उसके बराबर २- अन्य गणमान्य व्यक्तियों के लिए, इलेक्ट्रोनिक मीडिया, दूरदर्शन , इत्यादि के लिए भी अखाड़े के ३ तरफ चौकियां तैयार की जा रही थे , अर्ध सैनिक बालों की टुकडियां अपने दैत्याकार ट्रकों से उतर रही थी ! विशाल ढोलक , ढोल , इलेक्ट्रोनिक संगीत वाध्य , टेंट सामग्री , लोहे की रैलिंग्स, जैसे धीरे धीरे अपना स्थान पा रही थी ! व्यवस्था का जायजा ले कर, बाहर निकले तो हमने हैदराबाद शहर घूमने का निर्णय लिया ! इसी बीच बदायूं के हरबंस पहलवान जिन्होंने हाल में ही उत्तर परदेश केसरी दंगल करवाया है, और उनके गुरु पंडित सत्यनारायण जी से भी मुलाकात हुई और सभी हैदराबाद की चार मीनार की ओर चल दिए !