Contributions Welcome

This blog belongs to everyone interested in preserving and promoting traditional Indian wrestling. Please feel free to contribute photos, videos, links to news articles or your own blog posts. E-mail contributions to kushtiwrestling@gmail.com.

Dec 14, 2014

KUSHTI: Traditional Wrestling Competition in Memory of Raghbar Khalifa

By Deepak Ansuia Prasad














CLICK HERE FOR MORE VIDEOS

स्वर्गीय श्री रघबर खलीफा की याद में आया नगर का पहला इनामी दंगल !

रघबर खलीफा ने गुरु श्याम लाल जी के साथ कंधे से कन्धा मिलकर आया नगर अखाड़े की आधारशिला रखी। आस पास के गाँव देहात के बच्चों को पहलवान बनाया। गुरु श्यामलाल अखाड़े के खलीफा रघबर को कुश्ती से प्रेम था। उन्होंने आजीवन गुरु जी का साथ दिया , और गुरु जी स्वर्गवास के बाद भी वे अखाड़े में सुबह शाम आकर पहलवानो को अभ्यास कराते। अपने अंतिम दिनों में , जब वे पैर से लगभग अपंग हो गए थे , तब भी वे अखाड़े में आना नहीं भूले। वे अखाड़े की मिटटी के सच्चे भक्त थे। आज उनकी याद में दंगल कराकर , अखाड़े के संचालक व् गुरु श्यामलाल जी के पुत्र राजिंदर पहलवान व् ऋषि पहलवान , विशम्भर खलीफा , सिरी पहलवान , हरपाल पहलवान , श्रीपाल पहलवान , व् आया नगर के ग्रामवासियों ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी , और आया नगर गाँव में कुश्ती दंगल की एक नई परम्परा की शुरुआत भी की।
दंगल में मनीष , राजेश भाटी , राजेंदर पहलवान , अन्नी , मोहित , तस्लीम , रुहिल , दानिश , विक्की और अन्य पहलवानो की अच्छी कुश्तियाँ हुई।

दंगल में आये प्रकाश कुल्हीपुरिया , निशांत पहलवान , श्रीपाल , मुकुल ,पहलवान मोटा कोच , भूपेश कोच , हरपाल , राजिंदर , सिरी , विशम्भर , इत्यादि कोच व् गुरु खलीफाओं का पगड़ी पहना कर सम्मान किया गया।

गुरु श्यामलाल के पोते जीतू पहलवान , व् गुल्लू पहलवान जो क्षेत्र में स्टार पहलवान हैं , कुश्ती के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए गुरु श्यामलाल दंगल कमिटी ने उनका भव्य स्वागत किया।

गुरु श्यामलाल अखाड़े में कुश्ती के प्रचार में मैंने अपना बहुत समय दिया है। इंटरनेट पर गुरु श्यामलाल अखाड़े की मेरी वीडियो को बहुत से फ़िल्मी निर्माताओं ने कॉपी भी किया। राजिंदर पहलवान ने आज दंगल में मेरा मान सम्मान किया तो मुझे भी बहुत अच्छा महसूस हुआ। राजिंदर पहलवान का दिल की गहराइयों से सम्मान करता हूँ।


ENGLISH VERSION
Raghbar Khalifa, with Guru Shyamlal, established the Aya, Nagar Akhada in the 1980’s. Khalifa Raghbar devoted himself to the akhada, coaching and helping wrestlers prepare for their bouts. He never married, and like a true kushti lover devoted his whole life to the cause of wrestling.
He was born to die for Kushti. Even during his last days when his health was deteriorating he never failed to come to the akhada every day, such was his love for kushti.
Raghbar Khalifa and people like him have preserved the tradition of kushti for thousands of years and passed down the tradition to us today.

After his death, the people of Aya Nagar village, started a traditional wrestling competition in his memory. The dangal is a great tribute to the Khalifa. And for this event, Rajinder Pahlwan, son of Late Shri Guru Shyam Lal; Siri Pahlwan; Rishi Pahlwan; Harpal Pahlwan; Shreepal Pahlwan; and the village people of Aya Nagar deserve all the praise.

Star wrestlers like Manish, Rajesh Bhati, Akash, Jeetu, Anni, Mohit, Tasleem, Vinod, Danish,mohit, Ruhil, Vikky and many other took part in the dangal. It was awesome to see them wrestle.

Nishant Pahlwan, Khalifa Prkash kulhipuria, Shripal, international pahlwan Mukul, Mota coach, Ladpur, Bhupesh coach, Harpal, Rajinder pahlwan and many other guru khalifa graced the occasion with their presence. They were given pagadi and honored.

Gullu and Jeetu are the two star wrestlers of Ghitorni. They didn’t compete but they were presented with pagadi and honored for their contribution to the Kushti.

I have devoted plenty of time working and promoting kushti culture in Ghitorni, and adjoining akhada. Rajinder pahlwan honored me on the occasion. I am thankful to him.