By Deepak Ansuia Prasad
9th July, 2017
नाथुपुर गाँव का मंथली दंगल - सौजन्य से हरपाल पहलवान , राजेंदर पहलवान व् दीपक अनसूया प्रसाद।
आज देश भर के हजारों हजार अखाड़ों में लाखों लाख से ऊपर पहलवान हैं। कुश्ती की तैयारियों में लगे ये पहलवान जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं , पसीना बहा रहे हैं। अपने अपने उस्तादों , गुरु , खलीफाओं से दांव पेच सीख कर उन्हें रमा कर रहे हैं। निश्चित ही ये पहलवान अपने हुनर को दंगलों में जांचते परखते हैं । इनकी कुश्तियां दर्शकों को भावविभोर कर देती हैं। दंगलों का कोई निश्चित नहीं कब हो , कहाँ हो , और किसे मौका मिले ये भी कहना मुश्किल। दंगलों के छोटे फॉर्मेट के रूप हैं साफ़ताहिक या मासिक दंगल। दिल्ली में कई जगह ये दंगल लगते हैं। उदाहरण के लिए हर सफ्ताह लालकिले का दंगल ,लोनी में सलीम पहलवान का और गोकलपुरी में गुरु राधेश्याम पहलवान का मासिक दंगल। ये इवेंट भी बड़े दंगलों की ही तरह काफी मशहूर हैं। बड़े और नामी पहलवानो को तो मौका हर जगह मिलता हैं , लेकिन इन दंगलों में नए पहलवानो को भी अवसर मिलता हैं जिससे , उन्हें खुद की तैयारी परखने और बड़े दंगलों में लड़ने का का हुनर मिलता हैं।
मेरे मित्र गोलू पहलवान की चंडीगढ़ स्थित मुल्लांपुर कुश्ती अकादमी भी कई अखाड़ों के पहलवानो को आपस में कम्पटीशन करा कर, इस तरह के दंगल मैट और मिटटी दोनों पर आयोजित करती हैं। इससे पहलवानो की एक शानदार नई पीढ़ी तैयार हो रही हैं। अमूमन ऐसे कम्पटीशन विदेशों जैसे अमरीका , ईरान और जॉर्जिया में भी होते रहते हैं।
इसी से प्रेरणा लेकर , मेरी इच्छा थी की दिल्ली के इस दक्षिण भाग में जहाँ मैं रहता हूँ , इस प्रकार के आयोजन होने चाहिए। मैंने किशन गढ़ मेहरौली में अखाडा के संचालक गुरु माता से इस बाबत बातचीत की तो उन्होंने पहली बार मंथली दंगल की इस क्षेत्र में शुरआत की। जो की बेहतरीन रहा। गुरुमाता किशनगढ़ के आशीर्वाद से बाल पहलवानो को अपनी कला दिखाने के खूब अवसर प्राप्त हुए। इस कम्पटीशन की रिपोर्ट मेरी कुश्तीरेस्लिंग वेबसाइट पर हैं। और ये दंगल हर महीने की 11 तारीख को किशनगढ़ महरौली में हुआ करेगा।
इसी दिशा में आगे चलकर मैंने नाथुपुर अखाड़े के गुरु हरपाल व् गुरु शामलाल अखाड़े के राजेंदर पहलवान से भी दंगल करवाने सम्बन्धी बातचीत की। गुरु लोग तैयार हुए तो हमने दंगल की आधारशिला , नाथुपुर अखाड़े पर , गाँव नाथुपुर , DLF, फेस 3 , में रखी। आसपास के अखाड़ों को न्योता देकर , कम्पटीशन के लिए आमंत्रित किया। शीशपाल अखाडा तिगरा , रामवतार अखाडा बादशाहपुर , हरपाल अखाडा नाथुपुर , रणजीत अखाडा घिटोरनी , श्यामलाल अखाडा गुर्जर चौक आया नगर , भीम अखाडा किशन गढ़ , कप्तान रामसिंघ अखाडा कोटला , मंगल अखाड़ा सेवा नगर , इत्यादि अखाड़ों ने इस दंगल में भाग लिया।
दंगल बहुत शानदार हुआ। बाल पहलवानो के लिए हुए इस दंगल में पहलवानो ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। पहलवानो को नकद इनाम बांटे गए। सिरी पहलवान , सुनील पहलवान , अजित , ग्राम परधान नाथुपुर व् घिटोरनी से , कोच तिगरा से कालू पहलवान , रामवतार पहलवान , गुरु माता किशनगढ़ से , कुश्ती प्रेमी व् समाज सेवी भाई विजेंदर लोहिया घिटोरनी से , मीर पहलवान घाटा अमीरपुर , अशोक कोच रेलवे से , बिशम्भर खलीफा आयानगर से , रईस भाई , हरेन्दर भाई इत्यादि लोगों ने दंगल में शिरकत की।
दंगल की पहली कुश्ती हैप्पी गाँव नाथुपुर अखाडा गुरु हरपाल व् तीरथ पहलवान अखाडा कुश्ती रतन गुरु भीम के बीच हुई जिसमे हैप्पी पहलवान विजय रहे। इसी प्रकार आशीष , रंजन , अनुज , भोला , रविंदर , कृष्ण , सलमान , जावेद जैसे पहलवानो ने बढ़िया कुश्तियां दिखा कर दर्शकों का दिल जीत लिया।
इस प्रकार गाँव नाथुपुर में , गुरु हरपाल अखाड़े पर यह दंगल बेहतरीन रूप से संपन्न हुआ। और प्रतिमाह दूसरे रविवार को यह दंगल आपको देखने को मिल सकेगा।
ENGLISH VERSION:
Monthly Dangal of Nathupur Village: By Harpal Pahlwan, Rajinder Pahlwan & Deepak Ansuia Prasad
In India there are millions of kushti wrestlers practicing in the local akhadas. They put in a lot of hard work, adhering to customs and traditions. Their Gurus teach them to the best of their knowledge. Dangals help them judge their skills, as well as earn cash prize and respect. Dangals are typically either seasonal or randomly organized.
It is hard to know the time and place of these competitions. Finding a chance to compete in dangals is harder for newcomers. However, to fill this gap there are small monthly and weekly dangals held regularly on a fixed dates periodically. An example is the weekly dangal held opposite the Red Fort in New Delhi, the monthly dangal by Saleem Pahlwan at Loni and the monthly dangal by Guru Radheyshyam Akhada, at Gokalpur, New Delhi.
These regular dangals provide good entertainment for the people too and create awareness about kushti culture. These events also inspire people to stay fit and healthy. Juniors and newcomers find ample chances to compete and showcase what they learnt. This experience will help them compete in big wrestling tournament held across India.
My friend Golu Pahlwan at his Chandigarh-based wrestling academy has gone one step further. He has formed a group of wrestling academies, which organize competitions on mat and mud regularly.
Inspired by this, I hope to organize these in Delhi. When I discussed this with mother Guru, running the Akhada Kishangarh, she readily agreed, and we organized a great wrestling competition last week.
I published a detailed report of the event. Then I asked Guru Harpal and Rajinder Pahlwan to organize one more dangal at village Nathupur, Gurgaon, which is adjacent to South Delhi. They agreed and we planned one more monthly at village Nathupur.
This was the first dangal, so we invited nearby Wrestling Akhadas, Sheeshpal Akhada, Tigra, Guru Shyam Lal Akhada, Guru Bheem Akhada, Kishangarh, Ramdal Akhada Kidwai Nagar, Captain Ramsingh Akhada kotla, Ranjeet Akhada Ghitorni, Ramavtaar Akhada Badshahpur, etc participated in the event.
Wrestling was on a mat rather than mud. Ashok coach of Railway refereed in the event. Siri pahlwan, Sunil pahlwan, Ajit, Village head of Nathupur, Ghitorni, councilor of village Nathupur, Ramavtaar, Bijender Lohia, Meer Pahlwan ameerpur Ghata, Bishambhar Khalifa, Rai bhai, Harender Bhai and many important personalities graced the event with their presence,
The first prize match was between by Happy of Guru Harpal of village Nathpur and Teerath Pahlwan of Guru Bheem Akhada, it was a good match, in which Happy won.
Ashish, Ranjan, Bhola, Ravinder, Krishan, Salmaan, Javed etc fought well too.
Wrestlers are welcome to participate in the event on the second Sunday of every month.