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17 August 2015.
तिगांव , जिला फरीदाबाद , हरयाणा।
तीज का तिगांव दंगल।
वरुण और विक्रम पहलवान की हुई 51000/- पर छुट्टी की पहली कुश्ती।
वरुण पहलवान बने दंगल के विजेता।
माता पार्वती ने कई सौ वर्षों तक घनघोर तपस्या की। एक सौ सात जन्म लिए और तपस्या करते हुए 108 वें वर्ष में भगवान शिव को पति परमेश्वर के रूप में पा ही लिया। इस पौराणिक कथा को आधार बना कर तीज का त्यौहार मनाया जाता हैं। खास तौर पर महिलायें व्रत- उपवास रखती हैं , गौरा - पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं। सावन के इस पूरे महीने झूले पड़ते हैं , जिन पर झूलते हुए , स्त्रियां मनोविनोद करती हैं। नृत्य गायन के प्रोग्राम होते हैं।
इस पौराणिक कथा का सांकेतिक अर्थ यह भी हैं की अपने लिए अच्छे जीवन साथी पाने के लिए महिलाओं को तप अर्थात मेहनत ( ज्ञान , विज्ञानं के क्षेत्र में ) ही नहीं करनी होती उन्हें शारीरिक रूप से सुन्दर और हंसमुख भी होना चाहिए जिसमे नृत्य और गायन की भी भूमिका होती हैं। डार्विन और डा विन्ची ने यहीं से खोज की होगी , उनके अनुसार एक सुन्दर स्त्री अपने अुनकूल सुन्दर पुरुष के प्रति ही आकर्षित होती हैं और इस प्रकार श्रेष्ठ स्पीशीज मिलकर आने वाली बेहतर पीढ़ी को जन्म देते हैं। सर्वाइवल ऑफ़ द फिटेस्ट के अनुसार जगत में वहीँ जिन्दा रहेंगे जिनकी अगली पीढ़ी श्रेष्ठ होती जायेगी।
तीज के इतिहास में एक और परम्परा हैं , वो हैं कुश्ती के खेल की। हज़ारों हज़ार वर्ष पहले भी जब जब तीज मनाई गई होगी , जवानो के दंगल जरूर लगे होंगे। इधर सजी संवरी स्त्रियां मनो विनोद , उधर सुन्दर जवान पठ्ठे कुश्ती के दंगल में। चारों तरफ हरियाली , खिले फूल सजी संवरी धरती। पूरे देश की एक अप्रतिम सुन्दर छटा बनाती हैं। न जाने क्यों हम लोग ये सब भूलते जा रहे हैं।
तीज का एक दंगल तिगांव में भी होता हैं। ये बड़ा ही प्राचीन दंगल हैं। शायद जब यहाँ पहली तीज मनाई गई हो , तो यहाँ कुश्ती का दंगल भी हुआ हो , बड़े बूढ़ों ने बताया की हमारे बचपन के दिनों से आज तक हम यूँ ही इस दंगल को देखते आ रहे हैं। वर्तमान में दंगल कमिटी के प्रमुख हैं प्रधान धर्मबीर नागर। बाबू रगबीर अधाना उर्फ़ हाड़ा पहलवान , ब्लॉक मेंबर वार्ड नंबर 7 , तिगांव, चौधरी समूल अधाना , पूर्व सरपंच प्रताप नागर , प्रेम चाँद पहलवान , बब्बे पहलवान , करतार पहलवान अंतर्राष्ट्रीय कबड्डी प्लेयर , श्री पहलवान अंतर्राष्ट्रीय कबड्डी प्लेयर इत्यादि। दंगल में सहयोग दिया समस्त तिगांव वासियों ने।
दंगल में रेफ़री रहे सुनील पहलवान नवादा गाँव , कंवर लाल खलीफा , धर्मवीर खलीफा , राजिंदर मेंबर प्रजापत वीर खलीफा , ।
दंगल में मुख्य कुश्तियां रही।
वरुण और विक्रम पहलवान।
वरुण और विक्रम दोनों ही हिन्द केसरी पहलवान हैं। दोनों ही पहलवानो ने देश विदेश में बड़ा नाम कमाया हैं और अपने समय के छुट्टी के सभी पहलवानो से कुश्तियां लड़ी हैं। इस सीजन में दोनों की ये पहली कुश्ती थी। इससे पहले दोनों पहलवान कई महीनो से दूध घी खा , दंड बैठक लगा , जोर कर तैयारी कर रहे थे। ये तो अखाड़े में उतरने पर ही पता चलता हैं की किसने कितना घी खाया हैं। दोनों पहलवानो के हाथ मिला कर दंगल कमिटी ने कुश्ती की शुरुआत की। इतनी शानदार कुश्ती यहाँ बारह साल बाद हुई। बारह साल पहले भारत केसरी जयप्रकाश पहलवान यहाँ एक तरफ़ा जीते थे। आज वरुण का दिन था , तयारी तो विक्रम की भी कम ना थी। कुश्ती में हार और जीत तो होती रहती हैं , जैसे उधर पंजाब से खबर आई की जस्सा पट्टी ने सबा कोहालि को चित्त कर दिया। इधर उल्लावास गाँव में अजय ने संजय को। आज लगता था वरुण और विक्रम की भी कुश्ती का फैसला होके रहेगा। विक्रम ने धोबी दांव चलाया पर चुके तो वरुण ने पीछे आकर विक्रम को कंट्रोल किया , नाड़ पर घुटना रखे विक्रम को पलट कर आसमान दिखाने की कोशिश में लगे रहे , पर विक्रम ने बचने और छूटने की भरपूर कोशिश की। कुश्ती के अंत में वरुण विक्रम को सर पे घुटना रखे हुए पलटते हैं , विक्रम बचता हैं तो वरुण हत्था लगा कर चित्त करने का प्रयास करने लगते हैं , दोनों पहलवानो का पूरा जोर लगा हुआ हैं इसी समय विक्रम का एक कन्धा जमीन पर लगता हैं , रेफ़री कुश्ती वरुण के पक्ष में दे देता हैं। वरुण की जय जयकार होती हैं। गाँव खेड़ों की जय जयकार होती हैं।
अन्य कुश्तियां हुई , छुट्टी की दूसरी कुश्ती रेशम अखाडा गुरु हनुमान व जीतू सोहना के बीच , जो की बराबर रही। भीष्म गुर्जर अखाडा गुरु हनुमान और सिसाने के राजकुमार की कांटेदार कुश्ती भी बराबर रही। नरेश पहलवान मांडोठी और भोला गुरु जसराम के बीच शानदार कुश्ती हुई जिसमे नरेश पहलवान विजेता रहे। एक अन्य कुश्ती में परवेज गुरु जसराम और पवन गुरु श्यामलाल बराबर रहे। पंकज गुर्जर व डेल्ही के पहलवान के बीच शानदार कुश्ती हुई जिसमे पंकज गुर्जर जीते। सोनू पहलवान बब्बे अखाड़ा व सचिन लीलू अखाड़ा के बीच हुई कुश्ती में सोनू पहलवान विजेता रहे। अजरु मेहर सिंह अखाड़ा व सोनू गुरु श्याम लाल के बीच हुई शानदार कुश्ती में अजरु पहलवान जीते। भूरा मुंझेड़ी ने लीलू पहलवान के पट्ठे को हराया। विकास पहलवान मुंझेड़ी बब्बे पहलवान के भतीजे सोनीपत के एक पहलवान के साथ बराबर रहे। दंगल में रेलवे अखाडा किशनगंज के बच्चों ने अच्छी कुश्तियां लड़ी।
परंपरा के अनुसार सभी गुरु खलीफाओं , विशिष्ट अतिथियों और पत्रकार जगत से आये बधुवों खासतौर पर अरुण का पगड़ी और लिफाफा देकर सम्मान किया गया।
ENGLISH VERSION
17 August 2015.
Tigaon, District Faridabad, Haryana
It’s hard to say when the annual dangal in Tigaon first started but village elders told me that it’s been going on at least since they were kids.
Every year during the Indian festival of Teej, which is held to celebrate the union of Parvati with Lord Shiva, wrestlers from all over come to test their strength and showcase their skills.
This year, the first-prize match Rs 51000/- was a long-awaited rematch between two Bharat Kesri title winners – Varun Pahalwan of Guru Hanuman Akhada in New Delhi, Vikram Pahlwan of Guru Jasram Akhada in New Delhi.
It was the first time these two great wrestlers had faced each other in many years and the crowd was eager to see which of these wrestling legends would come out on top.
Vikram attempted a fireman’s carry, or dhobi ghat as it is called in Hindi, but he failed and Varun took control. Varun placed his knee on Vikram’s neck, grabbed hold of the big wrestler’s trunks and topped him over onto his back. Vikram fought furiously to avoid getting pinned, but Varun drove one of his shoulders into the soil – enough to secure a win in Indian wrestling. The crowd cheered and Varun celebrated his win.
In other matches:
- Resham of Guru Hanuman Akhada wrestled to a draw with Jeetu Sohna.
- Bheeshm of Guru Hanuman and Rajkumar of Sisaana Haryana also fought to a draw.
- Naresh Mandothi defeated Bhola of Guru Jasram.
- Parvej of Guru Jasram wrestled Pawan of Guru Shyamlal, but that match ended in a draw also.
- Pankaj Gurjar, a wrestler from Delhi won a hard fought bout.
- Sonu defeated Sachin.
- Ajrun of Mehar Singh Akhda beat Sonu of Guru Shyamlal.
- Bhura of Munjhedi defeated a wrestler from Leelu Pahlwan, Palwal Akhada. Vikas Pahlwan battled to a draw with a wrestler from Sonipat.
The Dangal Committee of Tigaon is headed by Pradhan Dharmbir Nagar, Babu Ragbir Adhana alias Hada Pradhan, Samool Adhana, Pratap Nagar, Prem chnd Pahlwan, Babbe Pahlwan, Kartar Pahlwan, Sri Pahlwan. And all the villagers of Tigaon helped make the event successful.
The referees were Sunil Pahlwan of Village Navada, Kanvwar Lal Khalifa, Rajinder Pahlwan.
All the coaches, gurus and respected people at the dangal were felicitated with headgear, as goes the tradition of kushti.