जावली गाँव दंगल
उत्तर प्रदेश राज्य के गाज़ियाबाद डिस्ट्रिक्ट में लोनी के पास जावली गाँव है ! यह गाँव वहाँ के लोकप्रिय नेता मदन भैया के गाँव के नाम से भी जाना जाता है ! इस गाँव के बड़े बुजुर्ग लोग और गाँव की दंगल कमेटी २५० से भी अधिक सालों से , तीज के त्यौहार पर हर वर्ष गाँव में दंगल कराती आ रही है ! दंगल कमेटी में स्वराज सिंह , ओमी सैनिक , पप्पू पहलवान , लीलू हविलदार , प्रताप पहलवान और अन्य लोग शामिल रहे ! इस बार भी देश के सभी राज्यों से नामी - गिरामी पहलवान दंगल में भाग लेने पहुंचे ! जावली गाँव का नीली स्टेडियम दर्शकों से भरा था, सभी गुरु खलीफा भी अपने -२ पहलवानों को लेकर पहुंचे थे , दंगल के मुख्य अतिथि मदन भैया भी वहां मौजूद रहे उन्होंने दंगल की पहली कुश्ती का उदघाटन किया , दंगल में सभी पुराने पहलवानों , गुरु , खलीफाओं, का पगड़ी पहना कर स्वागत किया गया . गुरु राजकुमार गोस्वामी जी का स्वागत गाँव के सरपंच ने किया , हिंद केसरी राजू पहलवान भी दंगल की शोभा बढाने की लिए पहुंचे थे , पहलवानों ने उनके पाँव छु कर उनसे आशीर्वाद लिए ; दंगल कमिटी ने उनका जोरदार स्वागत किया ! खलीफा चरणसिंह व् सुरेश पहलवान रेफरी रहे व् माइक पप्पू पहलवान ने संभाला ! दंगल की पहली कुश्ती जावली के ही महामाया स्टेडियम के राकेश पहलवान के शिष्य रौकी पहलवान व् बद्री अखाड़े के एक पहलवान के बीच लड़ी गई, कुश्ती का उदघाटन मदन भैया ने किया ! कुश्ती शानदार चली , प्रतिद्वंदी पहलवान ने रौकी को चित्त करने की भरपूर कोशिश की ,कई बार इरानी जैसे दांव लगाये, ऐसा लगता था की रौकी चित्त, पर अंत में रौकी ने ही अपने प्रतिद्वंदी को पछाड़ खूब तालियाँ बटोरी ! दर्शक गणों ने झूम -२ कर तालियाँ बजाईं ! इसी प्रकार इक अन्य कुश्ती सिंटू गुर्जर पहलवान और राजेश भाटी पहलवान के बीच लड़ी गई, राजेश भाटी की जीत निश्चित थी, राजेश भाटी इक चैम्पियन पहलवान है , वह एशिया में मेडल , और राष्ट्रिय चैम्पियन पहलवान हैं , दूसरी तरफ सिंटू गुर्जर पहलवान हाल ही में भारत कुमार बने है , दोनों की जोरदार कुश्ती चली , राजेश भाटी सिंटू पर हावी रहे , और काफिर देर तक चली कुश्ती के बाद समय ख़त्म होने कुश्ती को बराबर घोषित किया गया !. दनकौर, डुंडा हेडा, जावली जैसे गाँवों में दशकों से चली आ रही दंगल कराने की इस परम्परा ने ही पहलवानी को जीवित रखा है , अमूमन इन दंगलों के आयोजनों में सरकार की सहायता नगण्य रहती है और दंगल के आयोजक चंदा इकट्ठा कर दंगल करते हैं ! गुरु राकेश पहलवान ने बताया की दंगल के बाद बहुत से बच्चों ने उनसे कुश्ती सीखने की इच्छा जाहिर की.
ENGLISH VERSION:
Jaavli is a village in Ghaziabad District in Uttar Pradesh that is mainly known as the home of popular leader Madan Bhaiyya. And for the past 250 years, the village has held a huge annual dangal, which attracts great wrestlers from all over India.
The village committee members were: Swaraj Singh, Omi Sainik, Pappu Pahlwan, Vijay Pal Daroga, Leelu Havildar, Parataap Pahlwan
The announcer was Pappy Pahlwan,
The referees were Charan Singh Khalifa and Suresh Pahlwan
The first prize match was for 21000/- for which 21000X3 matches were played.
There were other matches of 15000X1 , 5000X1, 3100X10, 2100X10, 1100X10, 500X20 and many for smaller amounts for kids
The first prize match was between Rocky Pahlwan of Jawli, a pupil of Guru Rakesh Pahlwan and another wrestler from Railway Akhada. The bout was inaugurated by Madan Bhaiyaa. The Railway Akhada wrestler was stronger than Rocky and dominated him for most of the match – nearly pinning him several times. But Rocky fought hard and ended up winning the match.
The other big prize match was between Sintu Gurjar Pahlwan of Guru Rajkumar Goswarmi Akhada and Rajesh Bhati of Padamshree Guru Hanuman Akhada. Rajesh bhati was more experienced. He is a national champion wrestler and Asian Games medalist, while Sintu just won the Bharat Kumar title. Rajesh Bhati was the favorite going in to the match, but Sintu held his own and the match ended in a draw.
Big dangals like are so important because they help inspire younger generations to take up wrestling. Guru Rakesh told me that after this competition many boys came to him and asked him to take them as disciples to learn wrestling.