By Deepak Ansuia Prasad
Jaitpur Dangal, 2015
Destrict Hoshiyarpur, Punjab.
My dear friend Parminder Sangha has a Facebook page all about kushti culture in the state of Punjab. He works at Dubai, but returned to India to help his village Dangal committee organise a great wrestling competition in his village Jaitpur in Hoshiyarpur Destritct of Punjab.
The dangal featured some of the best wrestlers in India today. The first prize match was between Acchere Pahlwan and Saba Kohali. It was a great bout in which Saba Kohali pinned Achhre Pahlwan.
In other matches, Jassa Nada’s match ended in a draw.
Sonu Cheema and Jodha Attari battled for 20 minutes but neither could secure a win, so the bout went to a 5 minute overtime period. Even then, neither wrestler could score any points so the match was declared a draw.
Jitender Khedi also fought well.
Parminder sangha bro welcomed all the guests and honored them with pagari and headgear. He also presented me a beautiful watch, a very kind and generous gesture.
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जैतपुर दंगल , 2015
जिला होशियारपुर पंजाब।
भाई परमिंदर सांघा जो फेस बुक पर पेज चलाते हैं नाम हैं "जिगरे पंजाबियां के"। और दुबई में नौकरी करते हैं ,उन्होंने अपने पेज यह टाइटल क्यों रखा ? इसका असली अर्थ उनसे मिलकर पता चला। अपने गाँव जैतपुर , जिला होशियारपुर , पंजाब के इस नौजवान ने गाँव की पंचायत के साथ मिलकर गाँव में खेलों को खासतौर पर कुश्ती कबड्डी को बढ़ावा देने के लिए एक शानदार कुश्ती दंगल का आयोजन किया। पंजाब के नंबर एक पहलवानो की कुश्तियाँ बाँधी , देश दुनिया के मौजिस लोगों को दंगल देखने बुलाया और उनका मान सम्मान किया। इस कुश्ती दंगल से क्षेत्र के लोगों को तो दंगल देखने को मिला ही , मैं शर्तिया कह सकता हूँ की इससे नए बच्चों में खेलों के प्रति अनुराग की भावना ने जन्म जरूर लिया होगा। वहीँ इलाके के लोगों के पास वहां के नेतागण , मंत्री जी भी पहुंचे और उन्हें अपने विकास कार्यों की जानकारी दी।
कुश्तियों के इस शानदार आयोजन को अपनी वेबसाइट के लिए कवर करने मैं भी चंडीगढ़ से होशियार पर पहुंचा। मुझे अपनी कार से ड्राइव कर लेके आये पम्मा पहलवान , जस्सा नाड़ा पहलवान के बड़े भाई। भाई परमिंदर सांघा रास्ते में ही इन्तेजार करते हुए मिले, उनसे मुलाकात कर बहुत अच्छा लगा , कुश्ती को मुकाम की और पहुंचाने के लिए हम जो भी लोग सोशल मीडिया पर लगे हैं सबका आपस में बड़ा प्यार और सामंजस्य हैं। मुझे बहुत अच्छा लगा जब दंगल खत्म होने पर भाई प्रीत ने मेरा मान सम्मान किया। मेरे लिए उन्होंने एक हाथ घडी उपहारस्वरूप खरीदी थी , तो स्वयं अपने हाथ से उन्होंने वो मेरी कलाई पर बाँधी। उनसे मिलने की जितनी ख़ुशी थी , बिछुड़ने में उतना ही दुःख हुआ। थोड़ा गले लोग तो ही बोझ हल्का हुआ। यारों के यार हैं पंजाबी , दोस्तों के लिए जान हाज़िर तो दुश्मनों के लिए तलवार हैं पंजाबी। ये ही हैं जिगर पंजाबियों के।
https://www.youtube.com/watch?v=ZAWASMs3hN8&list=PL8wzNfsDYsJ6WaXKxSLmbCJeNra-G8F0W