Contributions Welcome

This blog belongs to everyone interested in preserving and promoting traditional Indian wrestling. Please feel free to contribute photos, videos, links to news articles or your own blog posts. E-mail contributions to kushtiwrestling@gmail.com.

Dec 19, 2015

Pro Wrestling League - Powered by Thums UP

By Deepak Ansuia Prasad



कल गुडगाँव के ह्यात होटल में चमक - दमक भरा कुश्ती का मैट देखा। हाल ही में महाराष्ट्र की लाल मिटटी के अखाड़ों से कुश्ती की कवरेज करके लौटा हूँ। मिटटी के दंगलों की तुलना में प्रो रेस्लिंग लीग का यह सेट पूर्णतया अलग और एकदम जादुई सा लगता हैं। पहलवान अब फाइव स्टार होटल के कमरों में ठहरे हैं , वहां पूरे व्यवस्थित और विलासितापूर्ण माहौल में राष्ट्रिय टीवी पर , प्राइम टाइम में अपना खेल दिखा रहे हैं , जहां उनकी कीमत लगा कर उन्हें इसका प्रतिफल मिल रहा हैं , ऊपर से खेलों की दुनिया में स्टार बनने का मौका। सजे धजे परिधानों में टाई , सूट बूट लगा भद्र परुष और महिलायें खेल के प्रबंधन में जुटी हैं। सजे संवरे रेफ़री , मैट चेयरमैन , यहाँ तक की दर्शक भी अपनी चहेती टीम के लोगो लगे ट्रैकसूट या परिधानों में मौजूद हैं। सबकुछ एक वेल मैनेज्ड कॉर्पोरेट अफेयर। मुझे ऐसा लगा जैसे कुश्ती रुपी सुदामा ,कृष्ण की द्वारका नगरी आ पहुंचा हो। हा ! अब हालत बदलने में समय न लगेगा , इधर कृष्ण की नजर पड़ेगी , उधर सुदामा के दुर्दिन दूर होंगे। कुश्ती तो प्रेम और सदभाव ही बाँट सकती थी , जिसका मोल कृष्ण ही जाने। लेकिन उम्मीद हैं जनता जनार्दन कुश्ती को सर आँखों पर जरूर बिठायेगी।

कुश्ती रुपी सुदामा को द्वारका पहुँचाया भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह जी ने। और इस इवेंट को स्पांसर कर रही हैं थम्सअप और डाबर। थम्सअप कंपनी ने विगत वर्षों में बहुत से खेलों खासतौर पर क्रिकेट को बहुत स्पांसर किया। बहुत अच्छा लगा जब वे कुश्ती जैसे खेल को आगे बढ़ाने आये। मर्दानगी के प्रतीक इस ड्रिंक को हलके जिगर के लोग कहाँ पी पाते हैं ? और आज यही ड्रिंक कंपनी इस मर्दाने , मस्ती भरे जिगर वाले खेल को स्पांसर करने के लिए उपयुक्त जान पड़ती हैं।

कुश्ती आज मुकाम की और अग्रसर हैं , इस पर दुनिया भर में फिल्मे , स्टोरीज , डॉक्युमेंट्रीज़ बन रही हैं। और हो भी क्यों ने कुश्ती में आये अंतराष्ट्रीय पदकों ने कुश्ती को अपनी पहचान बनाने में मदद जो की हैं। सुशील कुमार, योगेश्वर जैसे पहलवानो के जीते ओलिंपिक पदकों द्वारा कुश्ती में नई जान आ गई हैं।

आज कुश्ती को , प्रो रेस्लिंग के रूप में एक नए फॉर्मेट के रूप में देखकर खुश हूँ , कुश्तीप्रेमी जिन्हे टीवी पर क्रिकेट देखना पड़ता था , आज अपना पसंदीदा खेल टीवी पर देख सकते हैं। वो भी प्राइम टाइम में।
थम्सअप जैसे बड़ी कंपनी कुश्ती को आगे बढ़ाने के लिए कुश्ती जगत में कदम रख चुकी हैं। उम्मीद हैं भविष्य में भी वे इसी प्रकार कुश्ती को सपोर्ट करते रहेंगे.

ENGLISH VERSION


Yesterday , I saw the glitzy mat of the Pro wrestling league, at Hyatt Regency Hotel. I just came back from covering kushti at the Dangal glorified on Maharashtra's Laal Mitti ( Red Sands) Arena. I could feel the contrast , which made me nostalgic about our old kushti days which were much similar to what I saw in maharashtra, Here it is different ; wrestlers staying at the rooms of the five star Hotel, Bounces at the gate of the mat hall, lights, TV, celebrities of the glamour world, gentleman and ladies in their fine suits and boots. Kushti has traveled far and have seen new heights. Bollywood Movies are now being made based on Kushti, people across the globe making news & documentaries. not to forget medal count on the mat now contains a sizable portion of the over all medal telly of India , in any games be it Olympics, Wold , CWG, Asian or any other format.

The reason behind this change is our WFI president Brahbhushan Sharan Singh ji, who has made his dream into reality. While the main sponsors are the makers of Manly drink ThumsUP. and Dabor. ThumsUp has been behind many sports since seventies. This is the oldest company which helped improve sporting situations by their sponsorship.
In eighties Thums Up , a Brand of Coca Cola company ,separated from its parent company based in US, started sponsoring cricket. Thums Up was the biggest brand of aerated drinks back then, it worked wonderful with the game of cricket. The game rose very fast. during those times India won a ridiculous title "the world cup" under Kapil Dev's captaincy. I call it ridiculous as only eight countries participated in it , how can it be world cup ? anyway even today, the participants in the event has not increased much since then. This rising game suppressed and subdued every other sport.,The result of which you can see today. Those who disagree please refer to the medal tally of Olympics 2012, which is without a single Gold. India is far and behind in Olympics. Survival of other forms of sport became difficult and slowly cricket became on of the most corrupt and tainted game. stories of betting, corruption, deception among people related to cricket became regular news. The worse case scenario I mentioned above became worst when Pepsi , and Cola came back in 1993. The famous Cola wars put largest money into cricket , which also attracted political and film star , eventually making a cartel of sorts. Indian sporting culture was witnessing a black chapter in those years. even the Govt. made new stadiums, and patronized cricket while other sports were marginalized. While cricket sport man drove their Ferrari, and yachts , sports persons relating to other sports were living in penury , with almost zero facilities. Kushti survived those terrifying days. in fact it remained in the fray, and when Sushil Kumar became world champion, and then Olmypic Silver , people started to focus on kushti.

Now , Pro Wrestling is on full swing, kushti players are happy. People bored of forcibly watching cricket can watch their much loved game Kushti on TV. New stars are rising , people are acknowledging them, pro wrestling has been a running success , thanks to Thums Up the manly drink company. I wish it would support Kushti in coming days. It is really a great deal of happening for me , who have devoted his life to the cause of Kushti.


Oct 31, 2015

KUSHTI WRESTLING: JAITPUR DANGAL by Parminder Sangha

By Deepak Ansuia Prasad

Jaitpur Dangal, 2015
Destrict Hoshiyarpur, Punjab.






My dear friend Parminder Sangha has a Facebook page all about kushti culture in the state of Punjab. He works at Dubai, but returned to India to help his village Dangal committee organise a great wrestling competition in his village Jaitpur in Hoshiyarpur Destritct of Punjab.
The dangal featured some of the best wrestlers in India today. The first prize match was between Acchere Pahlwan and Saba Kohali. It was a great bout in which Saba Kohali pinned Achhre Pahlwan.
In other matches, Jassa Nada’s match ended in a draw.
Sonu Cheema and Jodha Attari battled for 20 minutes but neither could secure a win, so the bout went to a 5 minute overtime period. Even then, neither wrestler could score any points so the match was declared a draw.
Jitender Khedi also fought well.
Parminder sangha bro welcomed all the guests and honored them with pagari and headgear. He also presented me a beautiful watch, a very kind and generous gesture.

CLICK HERE FOR MORE VIDEOS


जैतपुर दंगल , 2015
जिला होशियारपुर पंजाब।


भाई परमिंदर सांघा जो फेस बुक पर पेज चलाते हैं नाम हैं "जिगरे पंजाबियां के"। और दुबई में नौकरी करते हैं ,उन्होंने अपने पेज यह टाइटल क्यों रखा ? इसका असली अर्थ उनसे मिलकर पता चला। अपने गाँव जैतपुर , जिला होशियारपुर , पंजाब के इस नौजवान ने गाँव की पंचायत के साथ मिलकर गाँव में खेलों को खासतौर पर कुश्ती कबड्डी को बढ़ावा देने के लिए एक शानदार कुश्ती दंगल का आयोजन किया। पंजाब के नंबर एक पहलवानो की कुश्तियाँ बाँधी , देश दुनिया के मौजिस लोगों को दंगल देखने बुलाया और उनका मान सम्मान किया। इस कुश्ती दंगल से क्षेत्र के लोगों को तो दंगल देखने को मिला ही , मैं शर्तिया कह सकता हूँ की इससे नए बच्चों में खेलों के प्रति अनुराग की भावना ने जन्म जरूर लिया होगा। वहीँ इलाके के लोगों के पास वहां के नेतागण , मंत्री जी भी पहुंचे और उन्हें अपने विकास कार्यों की जानकारी दी।
कुश्तियों के इस शानदार आयोजन को अपनी वेबसाइट के लिए कवर करने मैं भी चंडीगढ़ से होशियार पर पहुंचा। मुझे अपनी कार से ड्राइव कर लेके आये पम्मा पहलवान , जस्सा नाड़ा पहलवान के बड़े भाई। भाई परमिंदर सांघा रास्ते में ही इन्तेजार करते हुए मिले, उनसे मुलाकात कर बहुत अच्छा लगा , कुश्ती को मुकाम की और पहुंचाने के लिए हम जो भी लोग सोशल मीडिया पर लगे हैं सबका आपस में बड़ा प्यार और सामंजस्य हैं। मुझे बहुत अच्छा लगा जब दंगल खत्म होने पर भाई प्रीत ने मेरा मान सम्मान किया। मेरे लिए उन्होंने एक हाथ घडी उपहारस्वरूप खरीदी थी , तो स्वयं अपने हाथ से उन्होंने वो मेरी कलाई पर बाँधी। उनसे मिलने की जितनी ख़ुशी थी , बिछुड़ने में उतना ही दुःख हुआ। थोड़ा गले लोग तो ही बोझ हल्का हुआ। यारों के यार हैं पंजाबी , दोस्तों के लिए जान हाज़िर तो दुश्मनों के लिए तलवार हैं पंजाबी। ये ही हैं जिगर पंजाबियों के।
https://www.youtube.com/watch?v=ZAWASMs3hN8&list=PL8wzNfsDYsJ6WaXKxSLmbCJeNra-G8F0W