By Deepak Ansuia Prasad
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छटीकरा दंगल , मथुरा वृंदावन , सौजन्य से लोकेंद्र पहलवान।
राधे राधे।
मथुरा बृंदाबन को ब्रजभूमि भी कहा जाता हैं। यहीं भगवान् श्रीकृष्ण की जन्मभूमि भी हैं। ब्रजभूमि में अनेकों अखाड़े हैं। और तीज त्योहारों पर कुश्ती दंगलों का आयोजन होता रहता हैं। ऐसा ही एक भव्य कुश्ती दंगल गाँव छटीकरा मथुरा में संपन्न हुआ। इसी गाँव के लोकेंद्र पहलवान ने एक विशाल कुश्ती दंगल कराया। जिसमे कुश्तियां इस प्रकार रही।
पहली कुश्ती के लिए भारत केसरी नवीन पहलवान व् भारत केसरी सोनू पहलवान के हाथ मिले। दंगल कमिटी के सदस्यों ने मुख्य अतिथि के साथ अखाड़े पर आकर दोनों पहलवानो के हाथ मिलाकर कुश्ती का शुभारम्भ किया। छः लाख रूपये नकद इनाम के लिए लड़ी गई इस कुश्ती का नजारा देखने लायक था। पचीस मिनट चली कुश्ती में नवीन मोर सोनू पहलवान पर भारी पड़े। लेकिन कुश्ती का फैसला न हो सका और कुश्ती बराबरी पर छुटी।
एक अन्य शानदार कुश्ती हुई देवा पहलवान व् हरयाणा के कुलदीप पहलवान के बीच। देवा एक बेहतरीन पहलवान हैं। मथुरा वृन्दावन में हीरो हैं देवा पहलवान। उनकी कुश्ती देखने के लिए दंगल में उपस्थित लोगों के मन में बहुत उत्सुकता थी। और देवा पहलवान ने भी उन्हें निराष नहीं किया। अपने से लंबे तगड़े पहलवान का देवा ने डट कर मुकाबला किया ये कुश्ती भी बराबर रही।
अन्य कुश्तियों में फिरे नागर और धर्मबीर पहलवान भूतेश्वर अखाडा के बीच भी शानदार कुश्ती हुई। , चित्रा और बिक्रम पहलवान भी बराबरी पर छूटे। संजय पहलवान ने शानदार कुश्ती जीती। बृजकेसरी हनुमान व् सुभाष पहलवान भी बढ़िया कुश्ती लड़े व् बराबरी पर रहे। अजरुद्दीन। कलुवा पहलवान , ने शानदार कुश्ती जीती। बाल पहलवानो ने भी बढ़िया कुश्तियां दिखाई।
परम्परा के अनुसार सभी गुरु खलीफाओं व् गणमान्य व्यक्तीयों को पटका भेंट कर स्वागत किया गया।
ENGLISH VERSION
Naveen Mor appeared in the best shape he’s ever been in as he battled Sonu Pahlwan for the first prize of Rs. 600000/- in the main event of a great dangal in the village of Chhatikara.
Naveen, an international wrestler who has won three consecutive gold medals at the World Police Games, controlled Sonu for most of the match. Sonu, however, is a very tough wrestler and defended well against most of Naveen’s attacks. In the end, neither Naveen, of Padamshree, Dronacharya Guru Hanuman Akhada, and Sonu, of Mandoti Village in Haryana, could secure a fall, and the match was declared a draw.
The dangal, which was held on 11 August, was organized by Lokender Pahlwan on the occasion of Teej festival. Mathura Brindaban, where the village of Chhitikara is located, is also called Brajbhumi, meaning the birthplace of Lord Krishna. Wrestling is very popular in the area as can be seen by the large number of wrestling schools.
Another impressive bout was between Deva Pahlwan of Buteshwar Akhada, Mathura, and Kuldeep of Leelu Pahlwan, Ladpur Akhada. Deva is a local hero and despited being lighter and shorter than Kuldeep, managed to hold his own in the Rs. 100000/- match.
Other matches were between Fire Nagar and Dharmbeer, Chitra and Bikram, Braj Kesari Subhash and Braj Kesari Hanuman. All ended in draws.
Ajruddin and Kalua Pahlwan won their matches. Many younger wrestlers also had the chance to compete.
As the tradition goes, the dignitaries and wrestling gurus and coaches were felicitated and given some cash.