Contributions Welcome

This blog belongs to everyone interested in preserving and promoting traditional Indian wrestling. Please feel free to contribute photos, videos, links to news articles or your own blog posts. E-mail contributions to kushtiwrestling@gmail.com.

Oct 30, 2016

KUSHTI WRESTLING: Suraj Kund Dangal - by Monu Pahlwan

By Deepak Ansuia Prasad












CLICK HERE FOR MORE VIDEOS

अडंगपुर , लकड़पुर सूरजकुंड दंगल - सौजन्य से मोनू पहलवान
2 october, 2016

दिल्ली देहात में मोनू पहलवान एक नामी शख्शियत हैं। खुद अच्छे पहलवान रह चुके मोनू पहलवान को कुश्ती से प्रेम हैं। दिल्ली से सटा उनका गाँव सूरजकुंड क्राफ्ट मेला व् दिल्ली देहात के एक बेहतरीन गाँव के रूप में खासतौर पर जाना जाता हैं। इसके अलावा इस क्षेत्र को एक ख़ास पहचान मिली हैं , मोनू पहलवान के सौजन्य से। पिछले कुछ वर्षों से मोनू पहलवान सूरजकुंड के इस पार्क में शानदार दंगल का आयोजन कराते आ रहे हैं। इसी कड़ी में ये शानदार पांचवां दंगल भी धूमधाम से संपन्न हुआ। मोनू पहलवान व् उनके मित्र अजय नेगी , शूटर भड़ाना , चरणजीत जौनापुर , बंटी भाई इत्यादि ने मोनू पहलवान की कमेटी में अपना योगदान दिया। दंगल में ख़ास योगदान रहा राजू भड़ाना जी व् उनके मित्रों का। राग्गी गुज्जर

Suraj Kund Dangal - by Monu Pahlwan
Monu Pahlwan is famous in this part of town. He is a social worker, and a wrestler. His village Anangpur is named after king Anangpal. The village is also well known for the famous Surajkund Crafts Mela. Anangpur has been made more famous by Monu Pahlwan, who organizes a great wrestling competition every year here. This was the fifth competition in a row, staged with the help of Monu Pahlwan's friends: Ajay Negi, Shooter Bhadana, Charanjeet Singh Jaunapur, Banty, and many others, including Raju Bhadana, Ragi Guijar, and president of Haryana Congress Pawan Bansal


दंगल में रेफेर्शिप की फरीदाबाद के जाने माने खलीफा लक्ष्मण पहलवान व् अमीर पुर घाटा गुडगाँव से मीर पहलवान ने। उनका साथ दिया करन खलीफा ने। हालाँकि करन खलीफा मुझे इसलिए नापसंद हैं की वे कुश्ती में पक्षपात पर उतर आते हैं , और बाद में पहलवानो से अपनी दलाली भी मांगते दीखते हैं। ऐसे उस्ताद खलीफाओं के बारे में भी दंगल कमेटियों को सचेत करने का मेरा फर्ज बनता हैं। देश के बड़े अखाड़े के नाम से दंगलों में शरीक होते इस खलीफा को जरूर हनुमान अखाड़े की आन , बान शान का ख्याल रखना चाहिए।

The referees at the Dangal were Guru Lakshman Pahlwan from Faridabad, Meer Pahlwan from village Ameerpur Ghata, Gurgaon and Karan Singh. I found Karan Singh to be an eccentric man, mis-judging sometimes. He belongs to a great wrestling school. He should have taken care of the respect of his Guru. I did the announcement work at the dangal, along with making videos, taking pictures etc.

The first prize match was between wrestler Naveen Mor and wrestler Hitesh. Both are great Bharat Kesari wrestlers. Their bout was inaugurated by the chief guests present there, including Pardesh Congress Adyaksh Pawan Bansal, Raju Bhadana, Ragi Gujjar etc. The match was a great delight to watch. Both wrestlers fought well and were soaked in mud and sweat by the end. The Dangal Committee gave them 15 minutes to decide the winner. They were so equally matched that no one could get a pin and the match was declared a draw. The cash prize was distributed between both of them.

दंगल में पहले इनाम रूपये एक लाख के लिए , अखाड़े में आकर छुट्टी बोली नवीन पहलवान ने। नवीन पहलवान चुनौती को हितेश ने स्वीकार किया। इस प्रकार दोनों पहलवानो के बीच तय कुश्ती को मुख्य अतिथियों ने हाथ मिलाकर शुरू करवाया। आखिरी कुश्ती थी। दर्शक गण अखाड़े के पास आ गए। पुलिस ने मुस्तैदी दिखाई। मोनू भाई के कार्यकर्त्ता भी भीड़ को कण्ट्रोल करने में जुट गए। दोनों पहलवानो ने बढ़िया कुश्ती लड़ी। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक तंवर मंच से सीधा दर्शकों के बीच जा पहुंचे और अखाड़े पर, दर्शकों के बीच बैठकर ही उन्होंने ये कुश्ती देखी। कुश्ती का समय पंद्रह मिनट रखा गया था। दोनों पहलवानो ने बहुत जोर लगाया , पसीने से तरबतर दोनों पहलवान पूरे समय जोर आजमाते रहे। समय ख़त्म होने पर उन्हें दो और मिनट दिए गए। लेकिन फैसला फिर भी न हुआ तो सबने गाँव खेड़ों का जैकारा लगाया और कुश्ती बराबर घोसित हुई।


ललित और चित्रा पहलवान।
देश के नामी पहलवान स्वर्गीय बेदु पहलवान के बेटे ललित पहलवान अखाडा गुरु जसराम व् चित्रा पहलवान मथुरा के बीच दूसरी शानदार कुश्ती हुई। कुश्ती में लोगों का मत था की चित्रा कुश्ती जीत जाएंगे। क्योंकि बहुत दमदार पहलवान हैं चित्रा और ब्रजभूमि में पहली कुश्ती लड़ते आये हैं। लेकिन भाग्य उनके साथ न था। कुश्ती थोड़ी चली तो चित्रा ने अटैक किया वहीँ अपना संतुलन खो बैठे और ललित पहलवान ने शानदार टांग मारी , तो चित्रा सीधे चित्त हो कर जमीन पर आ गिरे। लोगों ने तालियां बजाय। ललित पहलवान ने शानदार कुश्ती जीती।

Lalit vs Chitra Pahlwan.
Lalit is a heavyweight wrestler from Guru Jasram Akhada. He is the son of the great wrestler Late Sh. Bedu Pahlwan. Chitra is a great wrestler who hails from Brajbhumi, Mathura, the land of Lord Krishna. They were paired against each other for the second prize match. The odds were with Chitra. People believed he is much better than Lalit. Chitra was too confident, but as the match started things changed quickly. Chitra attacked Lalit and lost balance, while Lalit used his legs to bring Chitra down with a bang.

Jeetu Pahlwan vs Amit Kadolia.
Jeetu and Amit are old foes. They have fought many times and both have won and lost at least once. So it was not possible to take side. It was, however, Jeetu who was weaker this time. He had just recovered from viral fever and it was hard for him to match his forceful opponent. Jeetu was able to hold Amit and fought well for the allotted time. Their match was declared a draw.

जीतू और अमित पहलवान।
जीतू गुरु श्यामलाल अखाड़े का पहलवान हैं। और घिटोरनी गाँव का यह पहलवान गुरु श्यामलाल का पोता हैं। वहीँ अमित कड़ोलिया गुरु हनुमान अखाड़े का पहलवान हैं। दोनों की कुश्तियां पहले भी हुई हैं। और दोनों ही कम से कम एक बार कुश्ती जीते भी हैं। अब ये कहना मुश्किल हैं की कौन जीतेगा। बुखार से ठीक होकर कुश्ती लड़ रहे जीतू के लिए यह बड़ा मुश्किल होगा की वह अमित को हरा सके। इसलिए जीतू ने अधिकांशतः अमित के अटैक को काउंटर किया। साथ ही कुछ खूबसूरत दांव भी लगाए। कुश्ती समय ख़तम होने पर बराबरी पर छूटी।

Sandeep Pahlwan , Guru Satpal, of Chhtrsaal Stadium. vs Praveen Tomar from Badli
I have watching Sandeep grow and turn into a good wrestler. He was pitted against a seasoned wrestler form Badli, Parveen Tomar. Their bout lasted for the full allotted time and ended in a draw. Sunny Pahlwan has a flair and I wish him all the best. He will put a good show in the coming years.