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Apr 28, 2012

Anshu Tomar's stuggle for a passport

By Deepak Ansuia Prasad
प्रतिभावान महिला कुश्ती खिलाडी अंशु तोमर , ने हाल ही में ओलंपिक के लिए चयनित होने हेतु कुश्ती की क्वालीफाइंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है और कुश्ती संघ द्वारा उन्हें फिनलैंड जाने के लिए चयनित किया गया है ! एक अंतर्राष्ट्रीय पहलवान अंशु तोमर , भारत केसरी , हिंद केसरी जैसे अवार्ड्स से सम्मानित है और कई -२ बार देश विदेशों में भारत और अपने राज्य उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुकी है ! ऐसे ख्याति प्राप्त पहलवान से पता चला की वह पिछले पांच दिनों से अपने ही उत्तर प्रदेश, के गाज़ियाबाद डिस्ट्रिक्ट स्थित पासपोर्ट ऑफिस के चक्कर लगा कर पस्त हो चुकी है ! अतः उनकी हालात का जायजा लेने का मन बनाया और पासपोर्ट ऑफिस जा पहुंचा ! सुबह 8 बजे अंशु तोमर पासपोर्ट ऑफिस पहुँच चुकी थी ,पूछने पर उन्होंने बताया की पासपोर्ट ऑफिस में मुझसे कहा गया की सुबह 8 बजे आ जाना ! उनके साथ पासपोर्ट ऑफिस में गया तो वहां झाड़ू लगाने वाले भी नहीं पहुंचे थे , एक अन्तरराष्ट्री महिला खिलाडी से इतना सौतेला और हास्यास्पद व्यवहार ठीक न लगा ! पूछने पर पता चला की 10 से 10 .30 के बीच ऑफिस खुलेगा ! इसी बीच किसी सज्जन ने तरस खा कर पासपोर्ट ऑफिसर का नंबर दे दिया , मैंने फ़ोन डायल किया और फ़ोन रिसीव करने वाले को अपना परिचय दिया तो बड़ी अभद्रता से किसी ने बात कर कहा की आपने गलत नंबर मिलाया है , हालांकि पासपोर्ट ऑफिस के लोगों से पुष्टि करने के बात ही मैंने नंबर मिलाया था ! अब, मुझे भी यह कार्य हिंद केसरी की कुश्ती लड़ने से भी कठिन लगा , अपने अखाड़े का एक छोटा पहलवान तो मई भी था ही इसलिए इस कुश्ती को लड़ने का मन बनाया , और अढाई घंटे बर्बाद करने की बजाय मैंने अंशु तोमर को स्थानीय विधायक व् डी.ऍम के पास चलने की सलाह दी , विधायक जी से मिलने पर उन्होंने इस घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया , डी. ऍम से बात की तो पता तो उन्होंने इस विषय में कुछ भी करने में लाचारी जाहिर की ! इसी बीच 11 बज गए और हम वापस पासपोर्ट ऑफिस पहंचे , पूछने पर पता चला की साहब नदारद हैं, उनका चपरासी भी न मिला ! मेरे हाथ में कैमरा देख लोग बाग़ शिकायत लिए मेरे पास आने लगे , हालांकि पासपोर्ट ऑफिस में कार्यरत एक सज्जन रावत जी अवश्य मिले , उनको जब दुखड़ा सुनाया तो उन्होंने मदद का भरोसा दिला , जरूरी कानूनी खानापूर्ति कर पासपोर्ट की रकम जमा करवा दी ! अब देखना यह है की क्या अंशु तोमर को उसका पासपोर्ट समय पर मिल पायेगा ? क्या उत्तर प्रदेश के एक किसान परिवार में पांच भाई बहनों में जन्मी , कठिनाईयों के बीच पहलवानी कर रही अंशु तोमर अपना फिनलैंड जाने का सपना पूरा कर पाएगी ? या फिर एक बार और एक प्रतिभा किसी सरकारी दफ्तर में अस्त व्यस्त पड़ी फाइलों के बीच अपना दम तोड़ देगी ?



Anshu Tomar is a budding Indian women wrestler. She has recently qualified in Olympic trials in india. She was scheduled to go to finland for her qualified rounds for Olympic birth. I come to know that since 5 days she is struggling for her passport renewal at the passport office of Ghaziabadd U.P. so I decided to look her case with local press I went to the passport office , but as usual the passport officer was not there, when I tried to contact him on the phone he failed to answer, however the person who picked the phone some sort of threatened me. So I went to the local MLA office, who in turn was surprised to know of it, he termed the event as unfortunate , and told me that he personally know anshu tomar and that she is the star wrestler of his state , he also told me that there is need to do for such sports person so that they can devote their times to their games instead of taking rounds of govt. offices and decided to help anshu tomar , we also contacted The district magistrate of the area who was feigned her helplessness. We then went to passport office , there were huge crowd and people were shouting against the passport officers, they stopped us and told the difficulties faced by them, with all these I went to passport office again still the passport officer was not there, however there was only working gentleman mr rawat was answering the crowd , so I also asked him about anshu tomar’s passport , he listened the matter on camera and assured all the possible help , it is only after his intervention we were able to secure a passport for her on the 6th day of her plight for passport.

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