CLICK HERE TO WATCH ALL MATCHES
Ranjeet Singh Rana, of Village Panjawar, is secretary of Himachal Pradesh Congress Committee. He told me that he was the president of the block congress here for 10 years. He is a graduate of Govt College, where he was president of the Student Union and captain of the football team. During that time Una won the Inter University championship for two consecutive years. He also captained the Himachal Pradesh Football Team and played Santosh Trophy for three consecutive years. He went to Singapore for employment and remained there for 10 years. After coming back in 1996, he decided to promote sports and started a Kushti Dangal, which is now held every year over two days. This year, Ranjeet Singh Rana decided to felicitate children from different backgrounds who have achieved accolades. The first prize match between Kamaljeet Doomshedi and Rakesh Delhi was a delight to watch. Kamaljeet won this match in an action packed fight. In another match, Surmu Pahlwan of Hoshiyarpur defeated Vikar Khanna. Gaurav Indore won the second prize match. The Una Kesari competition was won by Sushil Pahalwan.
दीपक अनसूया प्रसाद भरद्वाज।
पंजावर गाँव का दंगल।
13 अक्टूबर, 2018 हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में हरोली विधानसभा के अंतर्गत पंजवार गाँव एक बेहद शांत और सुरम्य क्षेत्र हैं। यहाँ के एक सम्मानननीय निवासी रणजीत सिंह राणा जी , हर साल पंजावर में बहुत खूबसूरत दंगल पिछले पंद्रह सालों से लगातार कराते आ रहे हैं। राणा जी वर्तमान में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस सचिव हैं। अपनी मेहनत और लगन से वे इस पद पर हैं। उन्होंने क्षेत्र में दस साल तक ब्लॉक अध्यक्ष का पदभार भी संभाला। ऊना कॉलेज से ग्रेजुएट राणा जी , कॉलेज छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रहे। साथ ही वो कॉलेज फ़ुटबाल टीम और हिमाचल प्रदेश की फ़ुटबाल टीम के कप्तान में रहे , अपनी कप्तानी में उनकी कॉलेज टीम ने कई बार चैंपियनशिप जीती व् हिमाचल की टीम से उन्होंने देश की कई फ़ुटबाल टीम में शिरकत जैसे डुरंड कप , संतोष ट्रॉफी इत्यादि। राणा जी कुछ समय के बेहरीन और फिर सिंगापुर में कार्यरत रहे। वापस लौटकर उन्होंने इस कुश्ती दंगल की आधारशिला रखी , जिसमे शिरकत करने का मुझे इस बार मौका मिला। उनके इस निमंतरण के लिए राणा जी का ह्रदय से आभारी हूँ।
पंजावर में यह दंगल क्षेत्र में खेलों के प्रचार प्रसार का मुख्य जरिया हैं। साथ ही राणा जी की कोशिश रहती हैं की अन्य क्षेत्रों में काबिल प्रतिभाओं का भी सम्मान और उत्साह वर्धन हो। इस बार उन्होंने अकैडमिक , फ़ुटबाल , मेडिकल जैसे क्षेत्रों में नाम कमा रहे बच्चों को पुरष्कार देकर उनका उत्साह वर्धन किया। उनका यह प्रयास सच में सराहनीय हैं। कोपरेटिव मूवमेंट की शुरआत और इस दंगल की योजना ने पंजावर को एक खास पहचान दी हैं। सन 1892 में जब कोपरेटिव सोसाइटीज़ एक्ट भी न बना था ( Co-operative Societies Act in 1904.) तब पंजावर में पहली कोपरेटिव सोसाइटी गठित की गई थी जिनकी संख्या देश के आज़ाद होने तक 668 पहुँच चुकी थी। आज बहुत से प्रोजेक्ट यहाँ चल रहे हैं। इस काम की शुरुआत करने का श्रेय पंजावर के मियां हीरासिंह जी को जाता हैं। सच में बड़ा ऐतिहासिक गाँव हैं।
श्री मुकेश अग्निहोत्री जी यहाँ के वर्तमान विधायक हैं। भूतपूर्व सरकार में इंडस्ट्री मिनिस्टर रह चुके विधायक जी दंगल के मुख्य अतिथि रहे। हरोली विधानसभा के औद्योगिक विकास की नीवं रखने वाले मुकेश जी ने दंगल को प्रोत्साहन भी दिया। राणा जी ने कहा की जल्द ही औद्योगिक विकास में भी हरोली विधानसभा आगे बढ़ेगी। साथ ही लोअर पंजावर से कप्तान अमरीक सिंह , गुरबचन जी , प्रधान गुलशन जी व् पूरे इलाके के लोगों ने भी शिरकत कर इस दंगल की शोभा बढ़ाई। रोशन जी , संजीव जसवाल जी ने जोड़ मिलाये। उनकी मेहनत से दंगल में बढ़िया कुश्तियां हुई। मेजर और प्रीती ने बुलेट पे करतब दिखा कर समां बांध दिया। वहीँ एक पुराने पहलवान ने सौ किलो की बोरी उठाई। तीन पुराने पहलवानों ने एक छल्ले में से गुजरकर दर्शकों का मनोरंजन किया। दंगल में प्रमोद सिंह व् दीवान जी ने रेफ़री ( निर्णायकों ) का काम किया।
रोशन जी का बड़ा नाम सुना हैं। ऐसा मैंने एक लेख में लिखा था। मेरे कैमरे में वो कभी कैद न हुए। इस बार दंगल में उनका नाम भी सुना। पुराने पहलवान हैं , मै समझ सकता हूँ की कुश्ती का प्रेम बड़ा विकट हैं , यहाँ जो एक बार प्रेमी बना तो हमेशा के लिए यहीं का होके रह गया। मैंने ये भी सुना था की बड़े लम्बे समय से वे दंगलों में शिरकत करते रहे हैं। उन्होंने आकर जोड़ मिलाने की कमान संभाली। पहलवानो को बखूबी पहचानने की उनकी प्रतिभा को मैंने यहाँ जाना। शांत और आश्वस्त दिखने वाले इस पहलवान , कुश्ती प्रेमी को काम करते देख मुझे लगा की हिमाचल के दंगलों को प्रसिद्धि दिलाने वाले शायद यही लोग होंगे। मैंने उनसे मुलाकात की , जब परिचय हुआ तो उन्होंने मुझसे एक बात ही कही , आलोचना उसी की होती हैं जो कुछ करता हैं। दंगल के अंत में राणा जी ने उनका और मेरा इकट्ठे सम्मान किया।
दोस्तों मीठे में जलेबी मुझे बहुत पसंद हैं और वो भी अगर दिल्ली में घंटेवाला की हो तो क्या कहने। नवाज अली भाई की कमेंटरी से मुझे दिल्ली की जलेबी की याद आजाती हैं। पूरी दुनिया में जाती हैं , घंटेवाला की जलेबी और पूरी दुनिया फैन हैं भाई नवाजलि की कमेंटरी की। इस दंगल में उन्होंने भी कमेंटरी कर कुश्ती प्रेमियों को रोमांचित किया।