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Jun 19, 2014

ON THE KUSHTI TRAIL IN PUNJAB: VISIT TO PARVINDER DOOMCHEDI'S AKHADA

By Deepak Ansuia Prasad


डूमछेड़ी अखाडा - कोच परमिंदर डूमछेड़ी पहलवान

परविंदर डूमछेड़ी पंजाब की शान हैं। पहलवानो की दुनियां में उनका नाम एक मिसाल कायम करता हैं और कुश्ती के आसमान पर सितारे की तरह चमकता हैं। उनके गाँव डूमछेड़ी में उनका अखाडा हैं जहाँ पंजाब और हिन्दुस्तान के बेहतरीन पहलवान कुश्ती की कला में पारंगत हुए हैं , और ये सिलसिला वर्षों से आज भी लगातार जारी हैं। हिन्दुस्तान के श्रेष्ठ पहलवान रोहित पटेल भी यहीं कुश्ती कला का अभ्यास करते हैं , परविंदर पहलवान के गाँव डूमछेड़ी जाते समय लोगों से बातचीत की और रास्ता पुछा तो लोगों ने बड़े गर्व के साथ बताया की परविंदर पहलवान भारत की शान हैं , उन्होंने हमारी हर संभव मदद की और हर किसी ने कहा चाय पानी पी के जाओ , ऐसा इस बड़े पहलवान का प्रभाव हैं। आज का दौर कुश्ती कला के उत्थान का दौर हैं और इससे परविंदर पहलवान भी अछूते नही हैं , उन्होंने कुश्ती के अभ्यास के लिए एक विशाल अकैडमिक बिल्डिंग जिसमे , बड़ा हॉल , कुश्ती के चार मैट , मिटटी का अखाडा , जिम हॉस्टल व् अन्य साजो सामान की व्यवस्था का इन्तेजाम किया हैं। जिस पर अभी काम निरंतर जारी हैं। कोच महावीर अब डूमछेड़ी गाँव में ही रहते हैं , उन्होंने हमारा स्वागत किया और अखाडा दिखाया , निरंतर पहलवानो को अभ्यास कराते कोच साहब ने बताया की परविंदर पहलवान को बचपन से कुश्ती लगाव हैं , उन्होंने पंजाब में कुश्ती कला को फैलाने , पहलवानो को कुश्ती में लाने, सिखाने और सुविधाएँ मुहैया कराने में अपना जीवन लगा दिया हैं। आज उनके द्वारा बनाई जा रही विशाल अकादमी जिस पर करोड़ों खर्च होंगे उनकी कुश्ती के प्रति सोच का ही एक रूप हैं। हालांकि परविंदर और रोहित , कमलजीत जैसे बड़े पहलवानो से मुलाक़ात न हो सकी , फिर भी परविंदर पहलवान के माता जी , पिता जी , दादी जी , कोच महावीर व् अन्य पहलवानो से मुलाक़ात कर बहुत अच्छा लगा। और एक बार फिर लौटूंगा एकाडेमी में कुश्ती कला का अभ्यास देखने , शाने पंजाब परविंदर पहलवान के सम्मान में उनके अखाड़े और कुश्ती कला को जीवित और बढ़ा रहे पहलवानो के कुछ चित्र। कोच महाबीर पहलवान , अखाड़े के पहलवानो और परविंदर पहलवान के माता पिता को धन्यवाद दिया और आगे बढ़ चला।


ENGLISH VERSION


Doomchedi Akhada - By Parvinder Doomchedi.

The name Parvinder Doomchedi needs no introduction in the kushti fraternity. He was one of the top wrestlers in India for decades and still is. He is the most well-known and most respected name in the Kushti world even today.
The great wrestler of Doomchedi village is a star in the world of Kushti and his contribution to popularize kushti is immense.
His akhada in his village Doomchedi is a well known wrestling school which produced many great wrestlers of India.
The No. 1 wrestler Rohit Patel, as well as Kamaljit are just a couple. When we headed towards his village, people welcomed us and told us that they are very proud of him. He has won many accolades during his lifetime including bharat kesri, hind kesri and many titles in freestyle wrestling at the national and international level.
When I reached his village Mahabeer Pahlwan, the coach of his akhada, was waiting for us. He showed us the big wrestling academy Parvinder has planned for the wrestlers of his village that will include 4 mats, a big sand pit for traditional wrestling, a gym for weight training and a hostel for wrestlers.
He also showed us the akhada where Parvinder has trained since he was a child. Parvinder’s mother and father told me that it was always their wish to send Parvinder to learn kushti. They remembered the day when Parvinder won an important match and took home a brand new scooter as a prize. He never looked back.
I thanked coach Mahabeer and Parvinder Pahlwan’s parents. It was time to take leave and go to the next wrestling school.

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